Lohardaga News: किस्को के बीडीओ अनिल कुमार मिंज, कम्प्यूटर ऑपरेटर परमानंद कुमार रिश्वत लेते गिरफ्तार

Lohardaga News: नारी निवासी अशफाक अंसारी द्वारा बीडीओ अनिल मिंज को 20 हजार रुपये तथा कंप्यूटर ऑपरेटर परमानंद कुमार को 5 हजार रुपये रिश्वत लेते एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया. बीडीओ की गिरफ्तारी के बाद से प्रखंड मुख्यालय में हड़कंप मच गया.

By Mithilesh Jha | October 18, 2022 9:16 PM
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Lohardaga News: झारखंड के लोहरदगा जिला के किस्को प्रखंड सह अंचल कार्यालय में मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने किस्को के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) अनिल कुमार मिंज व इसी विभाग के कंम्पयूटर ऑपरेटर परमानंद कुमार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया.

नाली निर्माण योजना के लाभुकों से मांगी जा रही थी रिश्वत

आरोप है कि 15वें वित्त आयोग से अनुशंसित पंचायत समिति मद से संचालित नवाडीह गांव में वर्ष 2021-22 में नाली निर्माण योजना के नाम पर लाभुक से रिश्वत की मांग की जा रही थी. इसी दौरान नारी निवासी अशफाक अंसारी द्वारा बीडीओ अनिल मिंज को 20 हजार रुपये तथा कंप्यूटर ऑपरेटर परमानंद कुमार को 5 हजार रुपये रिश्वत लेते एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया.

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किस्को के बीडीओ के दो घरों में भी एसीबी ने की छापामारी

गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम द्वारा बीडीओ के किस्को स्थित दो घरों में भी छापामारी की. यहां से उन्हें कुछ नहीं मिला. इसके बाद एसीबी की टीम गिरफ्तार अधिकारी एवं ऑपरेटर को अपने साथ रांची ले गयी. बताया जाता है कि एसीबी की टीम सोमवार सुबह ही किस्को पहुंच गयी थी. इसके बाद से छापामारी की रणनीति तैयार करने में जुटी हुई थी.

11 बजे ही एसीबी ने शुरू कर दी कार्रवाई

मंगलवार सुबह 11 बजे जैसे ही बीडीओ अनिल कुमार मिंज प्रखंड कार्यालय पहुंचे, एसीबी की टीम ने कार्रवाई शुरू कर दी. बीडीओ की गिरफ्तारी के बाद से प्रखंड मुख्यालय में हड़कंप मच गया. हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल था. बीडीओ की गिरफ्तारी की चारों ओर चर्चा है. गिरफ्तारी के बाद प्रखंड से अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी प्रखंड मुख्यालय से नदारद थे.

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20 सूत्री की बैठक हो गयी रद्द

प्रखण्ड मुख्यालय में आयोजित 20 सूत्री की बैठक भी रद्द कर दी गयी. बैठक में शामिल होने के लिए आये तमाम विभागों के अधिकारी वापस लौट गये. मामले पर अशफाक अंसारी ने बताया कि बीडीओ द्वारा प्रत्येक योजना में 8 प्रतिशत की कमीशन की मांग की जाती थी. वहीं, कम्यूटर ऑपरेटर को एमबी जारी का कार्य सौंपा गया था, जिसमें 5 प्रतिशत कमीशन की मांग की जाती थी.

चढ़ावा के बगैर जारी नहीं होता था पेमेंट

आरोप है कि कम्प्यूटर ऑपरेटर को जब तक कमीशन नहीं मिल जाता था, लोगों का पेमेंट जारी नहीं होता था. इसकी वजह से लाभुक के साथ-साथ, पंचायत कर्मी व अधिकारी भी परेशान रहते थे. बगैर बीडीओ व ऑपरेटर को चढ़ावा चढ़ाये किसी का पेमेंट नहीं होता था.

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