पश्चिम बंगाल में लाॅटरी के जरिये करोड़पति बनने का सिलसिला लगातार जारी है. गौरतलब है कि एक रात में लखपति व करोड़पति बनने का सपना लेकर लोग लॉटरी का टिकट खरीदते हैं. उम्मीद यही करते हैं कि उनका नंबर आयेगा, लेकिन इस उम्मीद में वे लाखों रुपये फूंक देते हैं. अब लोगों के इस सपने के साथ भी भ्रष्टाचार हो रहा है. लॉटरी व्यापारियों का ही दावा है कि कई लोगों ने लॉटरी के धंधे को काले धन को सफेद करने का माध्यम बना लिया है. लॉटरी के धंधे में एक गिरोह काम कर रहा है, जो काले धन को सफेद करने में जुटा हुआ है
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केंद्रीय जांच एजेंसियों के खुलासा काले धन को सफेद करने का धंधा जारी
हाल के दिनों में केंद्रीय जांच एजेंसियों के खुलासे से यह स्पष्ट हो गया है कि लॉटरी के इस धंधे की आड़ में काले धन को सफेद करने का धंधा भी चल रहा है. असल में लॉटरी में एक करोड़ रुपये की रकम जीतने वालों को ‘आयकर की कटौती के बाद करीब 72 लाख रुपये मिलते हैं. गिरोह के लोग विजेता को लॉटरी के टिकट के बदले और अधिक राशि देने का प्रलोभन देते हैं. विजेता को 80 से 90 लाख और कभी-कभी पूरे इनाम की राशि अर्थात् एक करोड़ रुपये नकद देने की पेशकश की जाती है. कई विजेता अपनी सुरक्षा के लिए व कभी दबाव में अपने टिकट को किसी और को बेच देते हैं.
कई प्रभावशाली लोगों को भी मिल चुका है इनाम
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केस स्टडी
दो जून को महिषादल में मजदूरी करने वाले एक युवक ने एक करोड़ रुपये का इनाम लॉटरी में जीता था. बताया जा रहा है कि लॉटरी के जरिये कालेधन को सफेद करने वाले गिरोह ने सूचना मिलते ही उससे संपर्क किया. इसके बाद उस युवक से लॉटरी के टिकट के बदले करीब 80 लाख रुपये नकद दिया.. बात तब सामने आयी, जब युवक सीधे यह राशि अपने एकाउंट में जमा करवाने बैंक पहुंचा. अपनी आय के हिसाब से इस रकम को लेकर कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाने के कारण बैंक में 80 लाख रुपये जमा नहीं लिये गये. बाद में उस युवक ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों के बैंक खातों में यह रकम जमा करायी और वापस प्राप्त किया.
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