Magh Mela : श्रद्धालुओं को 10 रुपए में मिलेगा भरपूर भोजन, मात्र इतने में होगा नाश्ता, रोज बदलेगा मेन्यू

माघ मेला में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए सामुदायिक किचन के साथ दो भोजन वितरण केंद्र की स्थापना की जाएगी. इस किचन से श्रद्धालु 5 रुपए में नाश्ता और 10 रुपए थाली में भोजन का भरपूर आनंद उठा सकेंगे.

By Sandeep kumar | January 29, 2024 10:39 AM
an image

प्रयागराज के माघ मेला में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए पांच हजार श्रद्धालुओं की क्षमता वाले सामुदायिक किचन के साथ दो भोजन वितरण केंद्र की स्थापना की जाएगी. इस किचन से श्रद्धालु 5 रुपए में नाश्ता और 10 रुपए थाली में भोजन का भरपूर आनंद उठा सकेंगे. इसके अलावा मेला क्षेत्र में गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ 200 से लेकर 1000 रुपए तक जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव लाया गया. मेला प्राधिकरण बोर्ड की 16वीं बैठक मंडलायुक्त कार्यालय के गांधी सभागार में शाम 6.00 बजे शुरू हुई. इसमें स्वच्छ कुंभ कोष से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा निगम, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान, कन्या सुमंगला योजना, सफाई कर्मियों, नाविकों की बालिकाओं को शिक्षा प्रोत्साहन योजना और श्रम योगी मानधन योजना का लाभ माघ मेले में तैनात तीन हजार सफाई कर्मियों और पंजीकृत नाविकों के परिवारों को दिलाने की जानकारी दी गई. मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने इसमें गड़बड़ी रोकने के लिए ऐसे लाभार्थियों का समय रहते सत्यापन कराने का भी निर्देश दिया है. इसी तरह सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट अधिनियम के तहत मेला क्षेत्र में कूड़ा- करकट, सेनेटरी वेस्ट की रोकथाम के लिए जुर्माना लगाने के प्रावधान पर भी सहमति बनी. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम- 2016 के भाग दो, धारा तीन के तहत जुर्माना लगाया जाएगा. इसके तहत बोर्ड ने कूड़ा कंटेनर न रखने वाले स्ट्रीट वेंडर्स और बिना लाइसेंस चलने वाली दुकानों पर 200 रुपए और अस्थाई कमर्शियल दुकानों, होटल, मिष्ठान भंडारों पर गार्बेज कंटेनर का प्रयोग न किए जाने पर 1000 रुपए फाइन लगाने का प्रावधान किया गया. इसके अलावा बेहतर साफ-सफाई रखने वालों को चिह्नित कर पुरस्कृत करने को भी कहा है. इस मौके पर कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, डीएम नवनीत सिंह चहल और पीडीए उपाध्यक्ष अरविंद कुमार चौहान मौजूद रहे.

Also Read: Ayodhya Ram Mandir : रामलला के अब तक 18 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, संडे को इतने लोग पहुंचे आशीर्वाद लेने
माघ मेला में बिजली के खंभों पर होगी विशेष लाइटिंग

बता दें कि माघ मेला में आने वाले तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए विशेष लाइटिंग की भी कार्ययोजना पर अमल के लिए चर्चा की गई. बताया गया कि मेला क्षेत्र में पोल पर स्पाइरल लाइटिंग एवं थेमेटिक लाइट लगाई जानी है. वहीं महाकुंभ -2025 में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने और आध्यात्मिक अनुभव के लिए टूरिज्म इंप्रूवमेंट इनीशिएटिव संबंधी अध्ययन इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के मोनीर्बा डिपार्टमेंट से कराने के प्रस्ताव को भी अनुमोदन मिला. टूरिस्ट प्रोफाइलिंग, टूरिस्ट जर्नी मैपिंग के साथ ही टूरिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर गैप के आकलन पर कार्य किया जाएगा. महाकुंभ- 2025 के तहत निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा में पीडीए, जल निगम और उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन के कार्यों की गति धीमी पाई गई है.

Also Read: Ayodhya Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा की वजह से ठप पड़ा निर्माण कार्य फरवरी से होगा शुरू, मशीनें हो रहीं इंस्टॉल
सीनेट हॉल की घड़ी फिर शहरवासियों को बताएगी समय

इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के कला संकाय में सीनेट हॉल की घड़ी शहर वासियों को फिर से समय बताएगी. सीनेट हॉल और उसके टॉवर पर लगी घड़ी के जीर्णोद्धार के लिए विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (हीफा) से 15 करोड़ रुपए की ग्रांट प्राप्त हुई है. 26 जनवरी को कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव इसकी घोषणा की. इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटैक) ने एक सर्वेक्षण के तहत विश्वविद्यालय की चार ऐतिहासिक इमारतों विजयनगरम हॉल, सीनेट हॉल, दरभंगा हॉल और अंग्रेजी विभाग के जीर्णोद्धार के लिए फरवरी 2008 में अपनी रिपोर्ट इविवि प्रशासन को सौंपी थी. 2019 में तत्कालीन कुलपति प्रो. हांगलू ने सीनेट हाल के अंदर रंग रोगन का कार्य कराया था लेकिन सीनेट हॉल के टावर पर लगी घड़ी नहीं चलाई जा सकी. वहीं इविवि की पीआरओ प्रो. जया कपूर ने बताया कि हीफा से मिली ग्रांट से सीनेट हॉल के टॉवर और उस पर लगी घड़ी की मरम्मत कराई जाएगी. सीनेट हॉल की छत लगे विशेष डिजाइन वाले खपरैल और लकड़ी भी खराब हो गई है, जिन्हें बदला जाएगा. खिड़कियों के टूटे कांच और स्टेज के टूटे टाइल्स भी बदले जाएंगे. इमारत के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए इसको मजबूत किया जाएगा. इविवि के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. योगेश्वर तिवारी बताते हैं कि यह घड़ी किसी जमाने में शहर वासियों को वक्त बताया करती थी. जो समय होता था, उतनी बार इस घड़ी का घंटा बजा करता था और इसकी आवाज दूर तक जाती थी. घंटे की आवाज सुनकर लोग समय का पता लगा लिया करते थे और यह घड़ी शहर के लोगों की दिनचर्या तय किया करती थी.

सर स्विंटन जैकब ने तैयार की थी इमारत की रूपरेखा

बता दें कि सन 1858 में अंग्रेजी सेना की बॉम्बे आर्टिलरी में सर्वेयर और इंजीनियर के पद पर नियुक्त सर स्विंटन जैकब ने 1908 से 1912 के बीच इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा अधिग्रहीत भूमि (कला संकाय) में विश्वविद्यालय की मुख्य इमारत सीनेट हॉल की रूपरेखा राजपूत और मुगल शैली में तैयार की थी. इस इमारत के टॉवर पर एक भव्य घड़ी भी स्थापित की गई थी, जिसकी प्रेरणा सर जैकब ने लंदन की बिग-बैन घड़ी कंपनी से ली थी. 1912 में सीनेट हॉल का घंटाघर तैयार हो गया था.

Also Read: यूपी में 8 IPS व अन्य पुलिस अधिकारियों के हुए तबादले, आईपीएस अनुकृति शर्मा को मिली एएसपी संभल की जिम्मेदारी

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version