क्या है मामला
घटनाक्रम की शुरुआत 15 मई को हुई थी. यदुटांड निवासी पीड़ित परिवार के रघुनाथ मोदी पिता स्वर्गीय प्रसादी मोदी ने थाना में आवेदन देकर मारपीट, तोड़फोड़ एवं महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की शिकायत की थी. उनके अनुसार, घर के अंदर बेसमेट का निर्माण कर रहे थे. इसी दौरान बेवजह का मजमा बनाकर राजकुमार यादव पिता छटू यादव, महावीर यादव पिता स्वर्गीय खेदन महतो, अपने पुत्र, भांजा एवं अन्य 40-50 लोगों के साथ वहां पहुंचे और गाली- गलौज करते हुए जान से मारने की नियत से मेरे घर के तीन दरवाजे को तोड़ते हुए सभी लोग अंदर घुस गये. इस दौरान आरोपियों ने घर के लोगों के साथ मारपीट भी किया.
थाना में शरण लेना पड़ा था पीड़ित परिवार को
इस दौरान आरोपियों ने परिवार वालों को घायल करते हुए आलमारी वगैरह तोड़ दिया. साथ ही बतौर रंगदारी 50 हजार रुपये की मांग भी की गयी. नहीं देने पर जान से मारने की धमकी भी दी गयी. इस घटना के बाद पीड़ित परिवार ने कुछ देर के लिए थाना में शरण लेने को मजबूर हुए.
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महावीर यादव के खिलाफ एक खास वर्ग में आक्रोश
घटना के बाद एक वर्ग में खासा आक्रोश था. खासकर महावीर यादव के खिलाफ लोगों में आक्रोश देखा जा रहा था. लोगों का आरोप था कि यदुटांड के इलाके में जमीन लेने वाले से महावीर यादव अक्सर रंगदारी की मांग कर परेशान करता है. लोगों का यह भी आरोप था कि सिस्टम के साथ ही अन्य कुछ लोगों का उसे संरक्षण प्राप्त है. इसलिए उसकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है. पिछले पांच जून को इस मुद्दे को लेकर वैश्य समाज ने जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया था. इस पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे थे. इस बीच गुरुवार की सुबह करीब 11 बजे महावीर यादव कोर्ट पहुंचकर सरेंडर कर दिया.
पुलिस ने जब्त किया दो बस
महावीर यादव के सरेंडर करने से पहले पुलिस सुबह में यदुटांड स्थित उसके घर पहुंची. यहां काफी देर तक पुलिस ने कैंप किया. इसके बाद दो बसों को नो पार्किंग एरिया में खड़ा होने का हवाला देकर जब्त कर लिया गया. पुलिस जब्त वाहनों को अपने साथ ले आयी. इस कार्रवाई को लेकर बकायदा क्रेन भी मंगाया गया था.