कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में चुनाव कराने के फैसले पर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की नाराजगी को वामदलों का भी समर्थन मिल गया है. वाम मोर्चा के प्रमुख घटक माकपा ने चुनाव आयोग से सवाल किया है कि एक जिला में दो या तीन चरण में चुनाव कराने का क्या मतलब है?
चुनाव आयोग ने बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच 8 चरणों में चुनाव कराने की घोषणा की है. कई जिलों में दो चरणों में चुनाव होंगे. खासकर दक्षिण 24 परगना में तीन चरणों में मतदान कराने के आयोग के फैसले से मुख्यमंत्री एवं टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी बेहद नाराज हैं.
अब माकपा के नेता विमान बोस ने कहा है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि एक जिला में दो चरणों में चुनाव क्यों कराये जा रहे हैं. श्री बोस ने कहा कि 1958 से वह चुनाव देख रहे हैं, लेकिन आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि एक जिला को पार्ट 1 और पार्ट 2 में बांटकर चुनाव कराया गया हो.
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चुनाव की तारीखों पर बोले सलीम – यह खतरनाक है
माकपा के एक और नेता मोहम्मद सलीम ने भी आयोग के इस फैसले पर सवाल उठाये. पूछा कि जिलों में एक से अधिक चरण में मतदान क्यों? यह खतरनाक है. एक ही जिला के कुछ लोग एक दिन वोट करेंगे और उसी जिला के बाकी लोग दूसरे दिन अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. बंगाल की जनता को खेल समझ आ गयी है.
इससे पहले ममता बनर्जी ने राज्य में 8 चरणों में चुनाव कराने के चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जाहिर की थी. कहा था कि जब सभी राज्यों में एक दिन में चुनाव कराये जा सकते हैं, तो सिर्फ बंगाल में 8 चरणों में चुनाव क्यों कराये जा रहे हैं. ममता ने कहा कि चुनाव आयोग ने बंगाल के लोगों के साथ न्याय नहीं किया.
Posted By : Mithilesh Jha
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