बुध ग्रह खराब होने के क्या लक्षण है?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि जन्मकुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थित में हैं तो व्यक्ति को बोलने में समस्या, नसों में पीड़ा, बहरापन, जीव, मुख, गले तथा नाक से संबंधित रोग, चर्म रोग, अत्यधिक पसीना आना, तंत्रिका तंत्र में परेशानी आदि का सामना करना पड़ता है.
बुध कमजोर कब होता है?
कुंडली में बुध कमजोर, दुर्बल या नीच का तब होता है, जब यह अपनी नीच राशि मीन में कुंडली में हो या फिर छठे या आठवें भाव में किसी नीच ग्रह के साथ विद्यमान हो. वहीं अगर बुध षष्टेश और अष्टमेश से पीड़ित हो तो भी कमजोर हो जाता है.
बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए क्या करें?
अगर आप कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन तुलसी का पौधा लगाएं. अब नियमित रूप से तुलसी के पौधे की पूजा करें, इस उपाय को करने से भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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बुध दोष से छुटकारा कैसे पाए?
नियमित रूप से भगवान विष्णु/भगवान कृष्ण की पूजा करें. बुध ग्रह के उपायों में विष्णु सहस्त्रनाम का जाप उत्तम है. बुध महादशा के उपायों में बुधवार के दिन हरी दाल और हरे कपड़े का दान भी शामिल है. बुध ग्रह पूजा के तरीके से बुध के मंत्र का जाप बुध दशा उपचार के लिए है.
बुध ग्रह की पूजा कैसे की जाती है?
बुधवार के दिन हरें रंग के वस्त्र धारण करें. हरे रंग का वस्त्र धारण करके ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:’ इस मंत्र का 17, 5 या 3 माला जाप करें. भोजन से पहले तीन तुलसी के पत्ते चरणामृत या गंगाजल के साथ खाकर तब भोजन करें. इस व्रत के दिन आपको हरी चीजों का सेवन करना चाहिए.