Agra News: पीएसी डिपो में शुरू हुआ मेट्रो के हेड हारडेड ट्रैक बिछाने का काम, जानें क्या होती है खासियत?

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन 15 पीएसी बटालियन के ताज नगरी मैदान में 112 करोड़ रुपए की लागत से पहले मेट्रो डिपो का निर्माण किया जा रहा है. प्रबंध निदेशक कुमार केशव के अनुसार हेड हारडेड रेलवे ट्रैक का रखरखाव बहुत कम है. रेलवे के मुकाबले मेट्रो ट्रैक पर ट्रेन का आवागमन अधिक होता है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 22, 2022 2:07 PM
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Agra News: ताजनगरी के पीएसी मैदान में तैयार हो रहे मेट्रो के डिपो में रेल के लिए ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो गया है. रेल ट्रैक के रूस में निर्मित हेड हारडेड पटरियों का इस्तेमाल होगा. हेड हार्ड अटैक सामान्य रेल ट्रैक के मुकाबले कम घिसता है. रेल के ब्रेक लगाने व स्पीड बढ़ाने पर रेल ट्रैक में घर्षण कम उत्पन्न होता है.

रेल की स्पीड बढ़ाने और ब्रेक लगाने पर कारगर

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन 15 पीएसी बटालियन के ताज नगरी मैदान में 112 करोड़ रुपए की लागत से पहले मेट्रो डिपो का निर्माण किया जा रहा है. प्रबंध निदेशक कुमार केशव के अनुसार हेड हारडेड रेलवे ट्रैक का रखरखाव बहुत कम है. रेलवे के मुकाबले मेट्रो ट्रैक पर ट्रेन का आवागमन अधिक होता है. हर पांच मिनट के अंतराल पर मेट्रो ट्रैक पर चलेगी. रेल की स्पीड बढ़ाने और ब्रेक लगाने के दौरान सामान्य ट्रैक पर पहियों व ट्रैक के बीच अधिक घर्षण होता है.

कॉन्क्रीट के बीम का होता है इस्तेमाल

इससे ट्रैक जल्दी घिसता है. हेड हारडेड ट्रैक में घर्षण कम होने के कारण यह घिसता नहीं है. जिससे पटरियां सालों साल मजबूत बनी रहती हैं उनमें क्रेक नहीं आता. साथ ही उन्होंने बताया कि डिपो में ट्रैक बिछाने का काम पूरा होने के बाद प्राथमिक सेक्शन में ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो गया है. एमडी कुमार केशव ने बताया कि डिपो में बैलेस्टिक ट्रैक बिछेगा, जबकि कॉरिडोर पर गर्भवती बैलास्टलेस ट्रैक बिछेगा. बैलास्टिड ट्रैक में समतल भूमि पर गिट्टी व कॉन्क्रीट स्लीपरों पर पटरियां बिछाई जाती हैं जबकि बैलास्टलैस ट्रैक में पटरियों को बिछाने के लिए कॉन्क्रीट के बीम का इस्तेमाल होता है.

रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत

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