गांव में जश्न का माहौल
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर मोहित के पैतृक गांव में जश्न का माहौल है. परिवार के सभी सदस्य और रिश्तेदार जश्न मना रहे हैं. पोते के जीत की खुशी में दादी ने कहा- ‘हमें बहुत खुशी है कि हमारे पोते ने कांस्य पदक जीता है, उसने पहले भी कई पदक जीते हैं.’ वहीं, मोहित के पिता बोले- ‘हमारा पूरा गांव इस बात से उत्साहित है कि उसने कांस्य पदक जीता. हमारे पूरे परिवार की पृष्ठभूमि कुश्ती है, जबकि अन्य ग्रामीण भी कई अन्य खेलों में भी सक्रिय हैं.’
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हरियाणा भिवानी के रहने वाले हैं मोहित
मोहित ग्रेवाल का जन्म 20 दिसंबर 1999 को हरियाणा के भिवानी के बामला गांव में हुआ था. मोहित के परिवार में कई पहलवान हैं. उनके पिता जगदीश भी पहलवानी कर चुके हैं. इस कारण बचपन से ही मोहित ने आस-पास कुश्ती, अखाड़ो और दंगल का माहौल देखा. हालांकि, शुरुआत में मोहित तैराक बनना चाहते थे. मोहित ने तैराकी और जूडो भी सीखा है. वह तैराकी में राष्ट्रीय स्तर पर पदक भी ला चुके हैं. लेकिन धीरे-धीरे मोहित की दिलचस्पी कुश्ती की तरफ हुई और उन्होंने 13 साल की उम्र में कुश्ती शुरु की.
मोहित के नाम उपलब्धियां
साल 2015 में मोहित ने भारत में हुए कैडेट नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. 2016 में 17 साल के मोहित ने दिल्ली में हुए स्कूल नेशनल गेम्स में भी गोल्ड जीता. इसी साल मोहित ने तुर्की में स्कूल वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने में सफलता हासिल की. उस समय मोहित ने 120 किग्रा भार वर्ग में भाग लिया था. और अब कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.