Jharkhand News: झारखंड में मानसून का आगमन हो गया, लेकिन पश्चिमी सिंहभूम जिला इससे अछूता नजर आ रहा है. कम बारिश से जूझ रहा यह जिला सुखाड़ के मुहाने पर खड़ा है. समय के साथ किसानों के माथे पर खींची चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं. कम बारिश के कारण जैंतगढ़ के 90% खेतों में बुनाई नहीं हो सकी है. क्षेत्र में 70% किसान बुनाई कर खेती करते हैं. 30% रोपनी करते हैं. इस बार कम बारिश के कारण किसान धान नहीं बुन सके, तो 80% खेतों में रोपनी के लिए चारा तैयार किया है. कुछ निचले और ढलान वाले खेतों में रोपनी की गई है. अधिकांश खेत खाली पड़े हैं. जबतक तेज बारिश नही होगी, खेतों में कादो (कीचड़) नहीं होगा, तब तक रोपनी संभव नहीं है. कुछ किसानों के चारा भी समय निकलने के साथ बर्बाद हो रहे हैं. बिचड़े खेत में खराब हो गये. जिन खेतों में रोपनी हो चुकी है, वहां पानी नहीं होने से खेत में दरार पड़ गये हैं. इसको लेकर किसान खासे परेशान हैं.
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