MS Dhoni Birthday: बचपन में भोजपुरी गानों के दीवाने थे एमएस धोनी, संतोष लाल से लेते थे कलेक्शन
महेंद्र सिंह धोनी के लंबे-लंबे छक्के तो आप सभी को याद होंगे, उनका कूल अंदाज, उनकी शालीनता ग्राउंड पर सबने देखी है और दूसरे खिलाड़ियों से सुनी है. लेकिन, आज हम आपको बताने जा रहे है कि माही को कौन-सा गाना पसंद था. प्रभात खबर से खास बातचीत में माही के दोस्त ने बताए कुछ अनसुने किस्से.
By Aditya kumar | July 7, 2023 9:09 AM
MS Dhoni’s 42nd Birthday: महेंद्र सिंह धोनी के लंबे-लंबे छक्के तो आप सभी को याद होंगे, उनका कूल अंदाज, उनकी शालीनता ग्राउंड पर सबने देखी है और दूसरे खिलाड़ियों से सुनी है. लेकिन, आज हम आपको बताने जा रहे है कि माही को कौन-सा गाना पसंद था. प्रभात खबर से बातचीत के दौरान एमएस धोनी के बचपन के दोस्त और खिलाड़ी अंशुमन राज ने कई राज खोले है. उनके जीवन के कुछ ऐसे पन्ने जिसे शायद फिल्म ‘एमएस धोनी, द अनटोल्ड स्टोरी’ में भी नहीं दिखाया गया है, उसके बारे में हम आपको बताएंगे.
भोजपुरी गानों पर इन्जॉय करते थे माही
एमएस धोनी और गाना यह सुनने में ज्यादा अजीब नहीं लगता है. एक वीडियो इंटरव्यू में भी उन्होंने ”मैं पल-दो-पल का शायर हूं” गाना गाया था, साथ ही अपने रिटायरमेंट वाले वीडियो में भी उन्होंने इसी गाने का इस्तेमाल किया था. लेकिन उनके दोस्त ने बताया कि माही को बचपन में भोजपुरी गाने सुनने में बहुत मजा आता था और वह इन गानों पर खूब इन्जॉय भी करते थे. अंशुमन राज ने बताया कि शुरूआती दिनों में जब सारे लोग एक साथ सफर पर निकलते थे तो वे भोजपुरी गाने पर खूब मस्ती करते थे.
संतोष लाल के पास होता था भोजपुरी गानों का कलेक्शन
साथ ही बातचीत के क्रम में अंशुमन राज ने बताया कि हमारे ग्रुप में भोजपुरी गानों का कलेक्शन संतोष लाल के पास हुआ करता था. वह चुनिंदा भोजपुरी गाने लेकर आता था और हम लोग उन गानों पर खूब इन्जॉय करते थे. अंशुमन ने यह भी जिक्र किया कि जब भी वो माही के साथ कहीं सफर पर निकलते थे तो दोनों क्या हुआ तेरा वादा सुनते थे. साथ ही वो किशोर कुमार के गाने भी सुनते थे. ‘सलामे इश्क मेरी जान’ गाने का उन्हें एक अंतरा खूब पसंद था, ‘इसके आगे की दास्तां तू मुझसे सुन’. साथ ही वह अमिताभ बच्चन के भी बहुत बड़े फैन है.
अंशुमन ने पुराने दिनों का जिक्र करते हुए बताया कि माही हमेशा सबके साथ सहज रहते थे. एक समय था जब हमें छोटे टूर पर जमीन पर दरी बिछाकर सोना पड़ता था तो कभी-कभी बड़े टूर पर हमें बेड मिलता था. लेकिन कभी भी माही ने अपने चेहरे पर शिकन नहीं आते थे. हमारी टीम ने पैसे इकट्ठा कर एक टेप-रिकॉर्डर खरीदा था और बैटरी खरीदने के भी पैसे जुगाड़ करते थे. मैच खेलने के बाद हमलोग गानों पर इन्जॉय करते थे और थकान मिटाते थे.