PHOTOS: झारखंड के हजारीबाग में अकीदत के साथ मना मुहर्रम, गाजे-बाजे के साथ ऐसे निकला जुलूस व ताजिया

हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले के विभिन्न प्रखंडों समेत पूरे राज्य में मुहर्रम का पर्व मनाया गया. इस मौके पर जुलूस निकाला गया और ताजिया निकालकर कला-कौशल का लोगों ने परिचय दिया. कई जगहों पर इस अवसर पर मेले भी लगाए गए थे. इसमें बड़ी संख्या में आसपास के गांवों के लोग शामिल हुए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2023 10:46 PM
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बरकट्ठा, हजारीबाग (रेयाज खान): हजारीबाग जिला अंतर्गत बरकट्ठा प्रखंड क्षेत्र में मुहर्रम का पर्व शनिवार को अकीदत के साथ मनाया गया. दशमी को बरकट्ठा के ग्राम कोनहराखुर्द स्थित रैनटांड़ मैदान में मेले का आयोजन किया गया. इसमें कोनहराखुर्द, बरकट्ठा डीह, कोनहराखुर्द मजार शरीक, बरकट्ठा बाजार, बरवां एवं नया खाप ग्राम के लोग निशान, ताजिया लिए गाजेबाजे के साथ शामिल हुए. विभिन्न अखाड़ों के साथ पहुंचे नूरी क्लब, स्टार क्लब, ताज क्लब, गुलशन क्लब, आजाद क्लब के खिलाड़ियों के द्वारा एक से बढ़कर एक अस्त्र-शस्त्र के साथ कला-कौशल का प्रदर्शन किया.

इचाक, हजारीबाग, (रामशरण शर्मा): पैगम्बर मुहम्मद के नवासे हुसैन की शहादत में मनाये जाने वाले मुहर्रम के त्योहार पर शनिवार को हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड में ताजिया निकाला गया. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इचाकमोड़ , जलौन्ध , लुन्दरू , बरकाखुर्द एवम डोई चौक पर दर्जनों गांवों के ताजिया एवं निशान का मिलान किया.

बरही, हजारीबाग (जावेद इस्लाम): बरही में शनिवार को मुहर्रम के यौमे-असुरा का जुलूस निकाला गया. जुलूस में कोनरा सादी मोहल्ला, थाना मोहल्ला, आज़ाद मोहल्ला, दरगाह मोहल्ला, थाना मोहल्ला, चौक मोहल्ला, साकरी मोहल्ला, तार बंगला, बेराहिल, जीटी रोड मोहल्ला, बरहीडीह, मल्लाह टोली, धमना, लश्करी व छोटकी बरही के अखाड़े व ताज़िया शामिल थे.

मुहर्रम के जुलूस में याअली, हासन-हुसैन व शहीदे कर्बला जिंदाबाद, इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद’ के नारे गूंज रहे थे.

बड़कागांव, हजारीबाग (संजय सागर): बड़कागांव प्रखंड में कई गांवों में हिंदू व मुस्लिम समुदायों के लोगों ने मिलकर मुहर्रम का पर्व मनाया. प्रखंड के सिंदूवारी, डाड़ीकला एवं चंदोल-पुंदोल में डेढ़ सौ साल से हिंदू-मुस्लिम मिलकर मुहर्रम मनाते आ रहे हैं. इस परंपरा को ये अभी भी जीवित रखे हुए हैं. चंदौल-पुन्दोल में हिंदू-मुस्लिम कौमी एकता ने डेढ़ सौ वर्षों से मिसाल पेश किया है. 1873 में चार हिंदू-मुस्लिम दोस्तों ने मिलकर मुहर्रम की शुरुआत की थी. इसमें थनु मियां, मुकुंद रजवार, करीवा पांसी एवं जाफर मियां ने इमामबाड़ा स्थापित कर निशान के साथ इसकी शुरुआत की थी.

बड़कागांव: बड़कागांव प्रखंड में मुहर्रम का पर्व हैरतअंगेज करतब के साथ संपन्न हो गया. प्रखंड के बड़कागांव, बादम, चोपदार बलिया, महुदी, महुगाई कला, सिरमा छवनिया, पंडरिया, चंदौल, डाड़ी कला, चेपा खुर्द, नगड़ी, सीकरी, मिर्जापुर, अलगडीहा, हाहे, नापोकला आदि गांवों में मुहर्रम का पर्व मनाया गया.

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