नेशनल हैंडलूम डे 7 अगस्त को, जानें इस दिन का महत्व, हैंडलूम इंडस्ट्री में करियर ऑप्शन

हैंडलूम इंडस्ट्री भारत की सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है. देश के हथकरघा उद्योग को मजबूत बनाने और दुनिया में इसे ब्रांड के तौर पर पेश करने के लिए हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है. जानें इसमें मौजूद करियर के बारे में...

By Preeti Singh Parihar | August 4, 2023 5:10 PM
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देश के हथकरघा उद्योग को मजबूत बनाने और दुनिया में इसे ब्रांड के तौर पर पेश करने के लिए हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है. हैंडलूम इंडस्ट्री भारत की सांस्कृतिक विरासत का अहम हिस्सा है. आंध्र प्रदेश की कलमकारी, गुजरात की बांधनी, तमिलनाडु का कांजीवरम और महाराष्ट्र की पैठनी, मध्य प्रदेश की चंदेरी, बिहार का भागलपुरी सिल्क कुछ ऐसे हैंडलूम हैं, जो दुनिया भर में मशहूर हैं.

हैंडलूम उद्योग बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देता है. यह एक ऐसा सेक्टर है, जो सीधे तौर पर महिलाओं के सशक्तिकरण को संबोधित करता है. बीते वर्षों में हैंडलूम को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर ‘आई वियर हैंडलूम’ कैंपेन चलाया गया, जिसका उद्देश्य था हथकरघा से बने कपड़ों को लोकप्रिय बनाना.

बीते वर्षों में इस उद्योग में तेजी लाने के लिए हैंडलूम एवं टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी के जानकारों की मांग बढ़ी है. कपड़ा उद्योग भारत में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता क्षेत्र है. भारत के कपड़ा क्षेत्र में चार महत्वपूर्ण खंड शामिल हैं-मॉर्डन टेक्सटाइल मिल्स, इंडीपेंडेंट पावरलूम, हैंडलूम, गारमेंट्स. इनमें से हैंडलूम 65 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करनेवाली सबसे बड़ी आर्थिक गतिविधियों में से एक है.

वित्तीय सहायता और विभिन्न विकासात्मक और कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से प्रभावी सरकारी हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप, यह क्षेत्र पावरलूम और मिल क्षेत्रों से प्रतिस्पर्धा का सामना करने में सक्षम रहा है. यह क्षेत्र देश में उत्पादित कुल कपड़े का लगभग 19 प्रतिशत और निर्यात आय में भी अहम योगदान देता है.

कर सकते हैं ये कोर्स: इस क्षेत्र में शामिल होने के लिए आप बारहवीं के बाद हैंडलूम एंड टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी में बीटेक कर सकते हैं. तीन वर्षीय डिप्लोमा इन हैंडलूम एंड टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी करने का विकल्प है. हैंडलूम एंटरप्रेन्योर सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं.

मिजोरम यूनिवर्सिटी, आइजोल बैचलर ऑफ वोकेशनल (हैंडलूम विवर) कोर्स संचालित करती है, इसमें छात्रों को छह महीने का कोर्स पूरा करने पर सर्टिफिकेट, एक वर्ष पूरा होने डिप्लोमा, दो साल होने के बाद एडवांस डिप्लोमा के साथ बाहर निकलने का विकल्प मिलता है. तीन साल सफलतापूर्वक कोर्स पूरा करनेवाले छात्रों को बी वोक (हैंडलूम विवर) की डिग्री प्राप्त होती है.

प्रमुख संस्थान: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हैंडलूम टेक्नोलॉजी, सेलम. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हैंडलूम टेक्नोलॉजी, वाराणसी. मिजोरम यूनिवर्सिटी, आइजोल आदि. 

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