नेशनल हॉकी प्लेयर निक्की प्रधान के गांव खूंटी के हेसेल में खुशी का माहौल, परिजन बोले- टोक्यो ओलंपिक में देश का नाम रोशन करेगी झारखंड की बेटी

Jharkhand News (खूंटी) : मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की धरती से एक और हाॅकी खिलाड़ी ओलंपिक में मेडल लाने को तैयार है. खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड अंतर्गत हेसेल गांव निवासी निक्की प्रधान का चयन टोक्यो ओलंपिक में हुआ है. उसका चयन होने से पूरे जिलेवासी गौरवान्वित हैं. वहीं, निक्की प्रधान के ओलंपिक में चयन होने पर उनके माता-पिता ने भी खुशी जाहिर की है. पिता सोमा प्रधान और मां जितनी देवी को पूरी उम्मीद है कि ओलंपिक में निक्की देश को गोल्ड मेडल दिलायेगी. वह अपने साथ-साथ पूरे झारखंड का मान बढ़ायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2021 7:42 PM
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Jharkhand News (चंदन कुमार, खूंटी) : मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की धरती से एक और हाॅकी खिलाड़ी ओलंपिक में मेडल लाने को तैयार है. खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड अंतर्गत हेसेल गांव निवासी निक्की प्रधान का चयन टोक्यो ओलंपिक में हुआ है. उसका चयन होने से पूरे जिलेवासी गौरवान्वित हैं. वहीं, निक्की प्रधान के ओलंपिक में चयन होने पर उनके माता-पिता ने भी खुशी जाहिर की है. पिता सोमा प्रधान और मां जितनी देवी को पूरी उम्मीद है कि ओलंपिक में निक्की देश को गोल्ड मेडल दिलायेगी. वह अपने साथ-साथ पूरे झारखंड का मान बढ़ायेगी.

निक्की की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय मध्य विद्यालय पेलौल में हुआ. इसके बाद 8वीं से इंटर तक की पढ़ाई राजकीय उच्च विद्यालय, बरियातू में पूरी की. इंटर के बाद वह खेल में ही रम गयी. निक्की प्रधान ने 2002 से हॉकी खेलना शुरू की थी. खूंटी के हॉकी कोच दशरथ महतो उसे हॉकी का प्रशिक्षण देना शुरू किया था. लगातार 2011 तक वह प्रशिक्षण लेती रही.

2011 में निक्की नेशनल गेम खेली. 2012 में बैंकॉक में हुये एशिया कप में शामिल हुई. एशिया कप में कांस्य पदक हासिल करने के बाद निक्की को रेलवे में नौकरी मिल गयी. इसके बाद वह लगातार हाॅकी में आगे बढ़ती गयी. 2013 में स्कॉटलैंड टेस्ट, 2014 में इंडियन रेलवे प्रतियोगिता, 2016 में साउथ अफ्रीका में टेस्ट मैच, न्यूजीलैंड में टेस्ट मैच खेली. 2016 में ही इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका खेलने गई. 2016 में ही रियो ओलंपिक में हिस्सा ली. इसके अलावा भी वह कई देशों में हॉकी खेल कर अपने नाम कई खिताब हासिल कर चुकी है. निक्की ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली झारखंड की पहली महिला हाॅकी खिलाड़ी है.फिलहाल वह बेंगलुरु में इंडिया कैंप में है.

जिस निक्की ने कामयाबी की बुलंदी हासिल करते हुए ओलंपिक में अपनी जगह बनायी है उसे शुरुआत में हाॅकी में रुचि नहीं थी. उसके कोच दशरथ महतो ने बताया कि उन्होंने निक्की को 2002 में प्रशिक्षण देना शुरू किया था. तब वह प्रैक्टिस करना नहीं चाहती थी. उसे हॉकी खेलने में रुचि नहीं होती थी. किसी प्रकार समझा-बुझा कर लगभग तीन सालों तक दशरथ महतो उसे प्रशिक्षण देते रहे. 2005 में स्थानीय प्रतियोगिता में उसे शामिल किया. जिसके बाद उसके अंदर हाॅकी को लेकर रुचि बढ़ने लगी.

ओलंपिक में शामिल होने वाली निक्की प्रधान की तीन और बहन और एक भाई है. निक्की की तीनों बहनें भी हाॅकी की खिलाड़ी हैं. बड़ी बहन शशि प्रधान और छोटी बहन कांति प्रधान राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी है. दोनों की रेलवे में नौकरी लग गयी है. वहीं, सबसे छोटी बहन भी हॉकी खेलती है. फिलहाल वह रांची कैंप में प्रशिक्षण ले रही है. सभी बहनों को दशरथ महतो ने ही प्रशिक्षण दिया है. भाई गोविंद प्रधान सबसे छोटा है. सभी बहनें हाॅकी खिलाड़ी होने के कारण छोटे भाई को खेल से दूर रखा गया.

Posted By : Samir Ranjan.

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