शहरी क्षेत्र के गरीब तथा मध्य वर्ग आबादी के लिए प्रस्तावित आवास योजना की रूपरेखा बनाने तथा संभावित लाभार्थियों की योग्यता निर्धारित करने पर सरकार काम कर रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही घोषित किया है, इस योजना से किराये के घरों में, चॉल में और अनियमित कॉलोनियों में रहने वाले परिवारों को फायदा मिलेगा. उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दिसंबर में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की अवधि समाप्त हो जायेगी. वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है, प्रस्तावित योजना वर्तमान में चल रही शहरी आवास योजना से अलग होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने प्रस्तावित नयी योजना के बारे में पिछले वर्ष अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में उल्लेख किया था. उस समय उन्होंने बताया था कि सरकार एक ऐसी आवास योजना लाने जा रही है, जिससे शहरी गरीबों और मध्य वर्ग के लोगों को गृह ऋण में राहत मिलेगी. हालांकि नयी आवास योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) से अलग होगी, पर मौजूदा योजना में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय समूह के लोगों को मार्च 2022 तक ऋण संबद्ध अनुदान योजना के तहत कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराया जाता था. उस योजना में सरकार तीन से साढ़े छह प्रतिशत तक ब्याज अनुदान देकर 2.67 लाख रुपये तक का लाभ मुहैया कराती थी. बजट में प्रस्तावित आवास योजना की घोषणा सरकार के उस अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत सभी को आवास मुहैया कराने का संकल्प लिया गया है.
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