अलीगढ़: उपभोक्ता आयोग ने नामी चॉकलेट कंपनी पर लगाया 5 लाख का जुर्माना, जानें पूरा मामला

अलीगढ़ में नामी चॉकलेट कंपनी पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है. कैडवरी की खराब चॉकलेट खाने से बच्चों के बीमार होने संबंधी मामला जिला उपभोक्ता आयोग में दायर किया गया था. इस मामले में नामी चॉकलेट कंपनी पर 5 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है

By Prabhat Khabar News Desk | November 3, 2023 6:26 AM
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अलीगढ़ में नामी चॉकलेट कंपनी पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है. खराब चॉकलेट खाने से बच्चों के बीमार होने संबंधी मामला जिला उपभोक्ता आयोग में दायर किया गया था. इस मामले में नामी चॉकलेट कंपनी पर 5 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. दरअसल नामी चॉकलेट कंपनी की चॉकलेट खाकर बच्चे बीमार पड़ गए थे. वहीं, इस मामले को लेकर चॉकलेट कंपनी में शिकायत की गई, लेकिन कंपनी की तरफ से कोई समाधान नहीं किया गया.

बच्चों को पसंद आती है चॉकलेट

अलीगढ़ में खैर रोड स्थित वसुंधरा कॉलोनी के रहने वाले दिग्विजय सिंह ने जिला उपभोक्ता आयोग में अर्जी दायर की थी, जिसमें कैडबरी इंडिया लिमिटेड के खिलाफ शिकायत की थी. अर्जी में कहा गया था कि कैडबरी चॉकलेट बच्चों को काफी पसंद आती है और इसको खरीद कर अक्सर बच्चे खाते हैं.

नामी कंपनी की चॉकलेट खाने से बच्चे पड़े बीमार

शिकायतकर्ता ने 2 साल पहले दीपावली के मौके पर हापुड़ के एक स्टोर से चॉकलेट का सेलिब्रेशन पैक खरीदा था. जिसमें सात चॉकलेट निकली थी. इस पैक में से तीन चॉकलेट पड़ोसी बच्चों को गिफ्ट की थी. इनको खाने के बाद पड़ोस के बच्चे बीमार हो गये. जिनका इलाज खुद दिग्विजय सिंह के पिता ने कराया था. इस दौरान उन्होंने रखी हुई चार चॉकलेट देखी, तो उन का कलर बदल गया था और उस पर फंगस लगा हुआ था. इस मामले में उन्होंने 6 नवंबर 2021 को कस्टमर केयर पर शिकायत की थी.

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कोर्ट ने पांच लाख दस हजार का लगाया जुर्माना

वहीं, शिकायत की सुनवाई करने के लिए कंपनी के एक अधिकारी घर पर आए थे. उनसे शिकायत के समाधान की अपेक्षा की थी. लेकिन इस घटना को लेकर कंपनी की तरफ से किसी तरह का समाधान नहीं किया गया. वहीं 11 नवंबर को फिर से दोबारा शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इसका कोई निस्तारण नहीं हुआ. तब जाकर जिला उपभोक्ता आयोग में अर्जी दायर की गई. इस मामले की सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश हसनैन कुरैशी, सदस्य आलोक उपाध्याय की पीठ ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है. जिसमें पांच लाख दस हजार रुपए में से पांच हजार रुपये मुआवजा और पांच हजार रुपये वाद व्यय के रूप में देने को कहा है. साथ ही पांच लाख रुपये उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने के लिए कंपनी को कहा गया है.

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