अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा पंचायत सचिवालय
निर्माणाधीन पंचायत सचिवालय अपनी हालत पर तरस खा रहा है. भवन बने लंबे समय हो गये. इसके बाद भी अधिकारियों की नजर पंचायत सचिवालय पर नहीं पड़ी. अधूरे भवन को लेकर ग्रामीणों में अधिकारियों के प्रति रोष है. इस संबंध में इचाकडीह गांव के ग्रामीण देवनंदन रजवार, विनोद प्रसाद केशरी, मुकेश रजवार, रवि रजवार सहित अन्य ने बताया कि क्षेत्र की सभी पंचायतों में पंचायत सचिवालय बना हुआ है, लेकिन इचाकडीह पंचायत के पंचायत सचिवालय का काम पूरी तरह से अधूरा पड़ा है. इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
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पीपल पेड़ के नीचे होती है ग्राम सभा
रामगढ़ की इचाकडीह पंचायत में ग्रामसभा इचाकडीह गांव के पीपल पेड़ के नीचे होती है. प्रखंड से आने वाली विभिन्न योजनाओं की जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है. भवन अधूरा होने के कारण पंचायत प्रतिनिधि से रोजगार सेवक तक कोई नहीं बैठता है. भवन में जानवरों का बसेरा हो गया है. क्षेत्र के जानवर गर्मी के दिनों में पंचायत सचिवालय में अपना अड्डा जमाये रहते हैं.
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किसी अधिकारी ने नहीं ली सुध
पंचायत सचिवालय ठीक रहने से प्रज्ञा केंद्र सहित मिनी बैंक भी संचालित हो सकता था, जिससे ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मिलतीं, लेकिन ग्रामीण सभी सुविधाओं से वंचित हैं. लोगों को प्रज्ञा केंद्र से जुड़े कामों को लेकर दूसरी जगह जाना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत भवन में दुरुस्त करने को लेकर पंचायत प्रतिनिधि, प्रखंड के अधिकारी व जिला अधिकारी सभी के दरवाजे खटखटाये गये, लेकिन किसी ने ग्रामीणों की आवाज नहीं सुनी.
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क्या कहते हैं पंचायत के मुखिया
इस संबंध में पंचायत के मुखिया रमेश राम ने कहा कि पंचायत सचिवालय के अधूरे कार्य को पूरा कराने को लेकर बीडीओ, डीडीसी व डीसी को आवेदन देकर अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक अधिकारी द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. पंचायत सचिवालय अधूरा रहने के कारण काफी दिक्क्त आ रही है. सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. पंचायत में ग्रामसभा करने सहित अन्य कार्यक्रमों को लेकर पेड़ की शरण लेनी पड़ रही है, जो काफी चिंता का विषय है. एक बार फिर पंचायत सचिवालय की समस्या अधिकारियों के पास रखी जायेगी और समस्या को जल्द ही दूर कराने की मांग की जायेगी.
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क्या कहते हैं मांडू बीडीओ
इस संबंध में मांडू बीडीओ सुधीर प्रकाश ने कहा कि इचाकडीह के पंचायत सचिवालय की जांच की जायेगी. इसकी जानकारी डीडीसी को दी जायेगी. योजना की जानकारी लेकर नये स्टीमेट बनाकर पंचायत सचिवाल के अधूरे कार्यों को पूरा कराने का प्रयास किया जायेगा.
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