ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री से कुछ ऐसी अहम जानकारी के बारे में जानेंगे, जिनका पालन करने वाले किसी भी व्यक्ति को कभी पितृदोष नहीं लगेगा. अगर आप अपने पितरों को खुश करना चाहते हैं और उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आइए जानते हैं कि आपको पितृ पक्ष के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना चाहिए.
ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान नए वस्त्र की खरीदारी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि इस दौरान पितरों को नया वस्त्र दान किया जाता है. जिससे पितर प्रसन्न होते हैं. अगर आप पितृपक्ष में नया वस्त्र खरीदते हैं तो इसका अशुभ प्रभाव पड़ता है और पितर नाराज हो जाते हैं.
पितृ पक्ष के दौरान लोहे का सामान नहीं खरीदना चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा की कमी आएगी और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी. पितृ पक्ष का महीना पिंडदान के लिए सबसे शुभ माना जाता है, इस दौरान पूरे 15 दिनों तक पक्षियों को मारना नहीं चाहिए.
पितृ पक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक घर में सात्विक वातावरण बनाए रखें. इसका मतलब यह है कि आप बिल्कुल भी मांस या शराब का सेवन ना करें. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके पूर्वज नाराज हो जाते हैं और इसका सीधा असर आपके वंशजों पर पड़ता है.
पितृ पक्ष के दिनों में सिर्फ मांसाहारी भोजन ही नहीं, बल्कि कुछ शाकाहारी भोजन भी वर्जित है. जैसे खीरा, सरसों का साग, चना आदि, ये सभी नहीं खाना चाहिए. इसे अशुभ माना जाता है. पितृ पक्ष के दिनों 15 तक अगर आप भोजन की सामग्रियों में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं करते तो भी आपको इससे पुण्यफल की प्राप्ति होती है.
पितृ पक्ष के दौरान पूरे 15 दिनों तक घर में कोई भी शुभ कार्य जैसे गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ आदि न करें क्योंकि पितृ पक्ष के दौरान शोक का माहौल रहता है. इसलिए इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य करना शुभ नहीं होता है.
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