केंद्र सरकार आरोप लगाती रही है कि राज्य सरकार पीएम किसान (PM Kisan) की योजना के तहत पंजीकृत किसानों की पूरी सूची नहीं दे रही है. लेकिन, चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के किसानों को इस योजना का लाभ दिलाने के लिए उनकी सूची (PM Kisan Scheme Beneficiary List) केंद्र सरकार को सौंपी. केंद्र सरकार द्वारा राज्य के किसानों को किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojna) की पहली किस्त मिली भी.
प्रथम चरण में राज्य सरकार ने लगभग 22 लाख किसानों के नाम केंद्र सरकार को भेजे थे. अब यह संख्या 46 लाख पहुंच गयी है. इन 46 लाख किसानों की सूची में से साढ़े नौ लाख के नाम काट दिये गये हैं. इसी पर ममता बनर्जी की सरकार ने नाराजगी जतायी है.
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राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने इस योजना के लिए केंद्र सरकार को 46 लाख किसानों के नाम भेजे हैं. इनमें से केंद्र ने 9.5 लाख किसानों के नाम काट दिये हैं. कहा गया है कि ये किसान उक्त योजना का लाभ पाने के पात्र नहीं हैं. मुख्यमंत्री ने विभागीय सचिव को इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखने का निर्देश दिया है. कहा है कि अगर समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वह स्वयं प्रधानमंत्री से बात करेंगी.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि बंगाल के 28 लाख 39 हजार 329 किसानों के खाते में 9 अगस्त को 2000 रुपये की दूसरी किस्त जमा होगी. यानी बंगाल के किसानों को केंद्र सरकार 69,15,558 रुपये देगी. बंगाल में 3,457,779 किसान पंजीकृत हैं. 2,839,329 किसानों के खाते में योजना की पहली किस्त के 2,000 रुपये सरकार पहले ही भेज चुकी है. पीएम किसान पोर्टल पर जारी आंकड़ों में कहा गया है कि कुल पंजीकृत किसानों में 82 फीसदी को केंद्र सरकार की योजना का लाभ मिल रहा है.
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आंकड़ों पर गौर करेंगे, तो पायेंगे कि एससी (अनुसूचित जाति) के 378329 किसानों (13.2 फीसदी) को मोदी सरकार की इस योजना का लाभ मिल रहा है. बंगाल में अब तक जितने किसानों का पंजीकरण हुआ है, उनमें से 1.3 फीसदी एसटी (अनुसूचित जनजाति) के लाभुक हैं. एसटी समुदाय के 35,982 किसान मोदी सरकार की योजना का लाभ ले रहे हैं.
Posted By: Mithilesh Jha