सीएम योगी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का गांव परौंख अब पूरी तरह डिजिटल बन चुका है. यहां पर इंटर कॉलेज हैं, तीन स्कूल हैं, कृषि मंडी है और स्वसहायता समूह भी मौजूद हैं. जोर देकर कहा गया कि अब परौंख एक आर्दश गांव बन चुका है. सीएम योगी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस खास मौके पर लोगों को संबोधित. उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि उन्हें अपने जीवनकाल में राष्ट्रपति के गांव आने का मौका मिला.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि परोपकार की मिट्टी से राष्ट्रपति जी को जो संस्कार मिले हैं उसकी साझी आज दुनिया बन रही है. मैं देख रहा था कि एक तरफ संविधान और दूसरी तरफ संस्कार. आज राष्ट्रपति जी ने पद के द्वारा बनी हुई सारी मर्यादाओं से बाहर निकलकर मुझे आज हैरान कर दिया कि वे स्वयं हेलीपैड पर मुझे लेने आए. मैंने कहा राष्ट्रपति जी आपने मेरे साथ अन्याय कर दिया, तो उन्होंने सहज रूप से कहा कि संविधान की मर्यादाओं का पालन तो मैं करता हूं, लेकिन कभी-कभी संस्कार की भी अपनी ताकत होती है. आज आप मेरे गांव आए हैं, मैं यहां पर अतिथि का सत्कार करने आया हूं, राष्ट्रपति के रूप में नहीं आया हूं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी भारत की आज़ादी को भारत के गाँव से जोड़कर देखते थे. भारत का गाँव यानी जहां आध्यात्म भी हो, आदर्श भी हो. भारत का गाँव यानी जहां परम्पराएँ भी हों और प्रगतिशीलता भी हो. भारत का गाँव यानी जहां संस्कार भी हो, सहकार भी हो. जहां ममता भी हो और समता भी हो. पीएम ने कहा कि मेरी किसी राजनीतिक दल से या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है. मैं तो चाहता हूं कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, लोकतंत्र को समर्पित राजनीतिक पार्टियां हों.