इसी मंदिर से निकली थी देशप्रेम की आवाज
मेरठ का औघड़नाथ मंदिर कई मायनों में अहम है. आजादी के लिए हुए संघर्ष में मेरठ शहर से 10 मई 1857 को सैनिक विद्रोह शुरू हुआ था. मंदिर के पुजारियों ने उलाहना दी थी. इस पर सैनिकों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया. इसमें मंगल पांडेय सबसे बड़े नामों में से एक थे. कहा जाता है कि औघड़नाथ मंदिर से निकली देशप्रेम की आवाज ने अंग्रेजी सरकार को ब्रिटेन तक हिलाकर रख दिया था.
बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे पर पीएम मोदी?
दरअसल, काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के दौरान पीएम मोदी ने गंगा नदी में स्नान किया, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा विश्वनाथ दरबार में हाजिरी लगाई. पीएम मोदी की काशी यात्रा से बीजेपी के हिंदुत्व एजेंडे को कहीं ना कहीं बल मिला. दूसरी तरफ मेरठ दौरे पर भी पीएम मोदी औघड़नाथ मंदिर में पहुंचे. इस मंदिर में दर्शन करने के बाद पीएम मोदी शहीद स्मारक गए. एक तरफ औघड़नाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद पीएम मोदी ने काशी की यादें ताजी की. वहीं, शहीद स्मारक में जाकर आजादी के 75 साल पर हो रहे अमृत महोत्सव को लेकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
किसी भी प्रधानमंत्री का पहला कार्यक्रम
शहीद स्मारक जाकर पीएम मोदी ने राष्ट्रवाद का रंग भरने का काम किया है. औघड़नाथ मंदिर में जाने वाले नरेंद्र मोदी पहले पीएम है. मंदिर समिति के अध्यक्ष डॉ. एमके बंसल ने कहा कि कल्याण सिंह और योगी आदित्यनाथ सीएम के रूप में आ चुके हैं. लेकिन, किसी पीएम का पहला कार्यक्रम है.
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