सदर अस्पताल नहीं पहुंच रहे मरीज
100 बेड की क्षमता वाले सदर अस्पताल में रविवार को सिर्फ 13 मरीज ही इलाज के लिए भर्ती हैं. इनमें से छह मरीजों को डिस्चार्ज किया गया. मरीजों की कम संख्या की वजह से कई वार्ड के बाहर ताला लगा हुआ है. जनरल वार्ड के खाली बेड पर मरीजों के परिजन भी आराम फरमा रहे हैं. काम नहीं होने के कारण स्वास्थ्यकर्मी इधर-उधर घूमते दिखे. चिकित्सा के लिए तैनात डॉक्टरों के पास काम नहीं होने के कारण वे मोबाइल पर व्यस्त दिखें. ड्यूटी का समय समाप्त होने के बाद स्वास्थ्यकर्मी अपने घर चले गये. वहीं, अगली शिफ्ट के डॉक्टर ड्यूटी पर पहुंच गये.
100 बेड की क्षमता और अस्पताल में 190 बेड
सदर अस्पताल की क्षमता सौ बेड की है. वहीं, अस्पताल में कुल बेड की संख्या 190 है. जरूरत से ज्यादा बेड के कारण अस्पताल के बरामदे पर जहां-तहां बेडों को रख दिया गया है. ऐसा लगा कि सदर अस्पताल में खाली पड़े बेड का गोदाम बन गया है. अस्पताल में कार्यरत कर्मियों ने बताया कि साल 2018 में सदर अस्पताल को शुरू किया गया. उस दौरान 60 बेड थे. कोरोनाकाल के दौरान कोविड वार्ड बनने के कारण बेडो की संख्या बढ़ायी गयी थी. अब अस्पताल में बेड रखने की जगह भी नहीं बची है.
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ओपीडी में पहुंचे सिर्फ 120 मरीज
सदर अस्पताल के ओपीडी में शनिवार को सिर्फ 120 मरीज पहुंचे थे. सदर अस्पताल के नोडल पदाधिकारी डॉ राजकुमार सिंह के अनुसार ओपीडी में रोजाना औसतन सौ मरीज पहुंचते हैं.
24 घंटे सेवा के लिए 23 डॉक्टर्स नियुक्त
सदर अस्पताल में 24 घंटे चिकित्सा सेवा उपलब्ध है. इसके लिए अस्पताल में अलग-अलग विभाग के 23 डॉक्टर्स को नियुक्त किया गया है. OPD के अलावा अस्पताल के इंडोर के लिए आठ घंटे की शिफ्ट में डॉक्टर्स की ड्यूटी लगायी गयी है. गायनी, चाइल्ड, ऑर्थो, जनरल फिजिशियन, डेंटिस्ट, सर्जरी आदि के डॉक्टर अस्पताल में मौजूद हैं. इसके अलावा सप्ताह में एक दिन मनोरोग के डॉक्टर अस्पताल में विजिट करते हैं.
जानकारी के अभाव में नहीं पहुंच रहे मरीज : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने कहा कि जानकारी के अभाव में सदर अस्पताल में मरीज नहीं पहुंच रहे हैं. जबकि, अस्पताल में चिकित्सा सुविधा मौजूद हैं. रात के वक्त भी अस्पताल में डॉक्टर मिल जाएंगे. सदर अस्पताल में चिकित्सा सुविधा शुरू होने की जानकारी जन-जन तक पहुंचे, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
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रिपोर्ट : विक्की प्रसाद, धनबाद.