60 रुपये से की थी सरकारी नौकरी की शुरुआत, आज 60,000 की है पेंशन, जानें कैसे?

Pension: राजस्थान के एक सेवानिवृत्त शिक्षक ने 1967 में 60 रुपये मासिक वेतन पर सरकारी नौकरी शुरू की थी और 2000 में रिटायरमेंट के बाद आज उन्हें करीब 60,000 रुपये मासिक पेंशन मिल रही है. यह बढ़ोतरी वेतन आयोगों, महंगाई राहत, पेंशन पुनर्गणना और 80 वर्ष की आयु के बाद मिलने वाली अतिरिक्त पेंशन के कारण संभव हुई. कैसे समय के साथ सरकारी पेंशन में जबरदस्त वृद्धि हो सकती है, यदि सभी नियमों का सही तरीके से पालन हो.

By KumarVishwat Sen | July 14, 2025 7:18 PM
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Pension: राजस्थान के गंगानगर जिले में एक व्यक्ति ने 60 रुपये मासिक वेतन पर सरकारी शिक्षक के तौर पर नौकरी की शुरुआत की थी. वे 21वीं सदी के शुरुआती साल वर्ष 2000 में 58 साल की उम्र में रिटायर किए. जिस समय वे रिटायर किए, उस समय उनका अंतिम वेतन करीब 8,000 रुपये था. आज उनकी उम्र करीब 83 साल की है और उन्हें पेंशन के तौर पर हर महीने करीब 60,000 रुपये मिलते हैं. आखिर, इन 25 सालों में ऐसा क्या हुआ कि उनकी पेंशन में इस प्रकार से अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गई? आइए, जानते हैं कि राजस्थान के एक शिक्षक की पेंशन में पिछले 25 सालों के दौरान अप्रत्याशित वृद्धि कैसे हुई?

बाबा ने दी पोते को जानकारी

नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के गंगापुर में सहायक कृषि अधिकारी पिन्टू लाल मीणा ने अपने फेसबुक अकाउंट (फेसबुकिया नाम पिन्टू मीणा पहाड़ी) पर हाल ही में एक पोस्ट की है. इसमें उन्होंने बताया है कि एक रिटायर टीचर 47 हजार रुपये से ज्यादा की पेंशन पा रहा है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि बाबा सरकारी स्कूल में टीचर रहे हैं. जब उनकी नौकरी लगी थी तो सैलरी 60 रुपये महीने थी. साल 2000 में वह 58 साल उम्र में रिटायर हुए. उस समय उनकी सैलरी बढ़कर 8000 रुपये महीने हो गई थी. अब वह 82 साल के हैं. पिन्टू लाल मीणा ने लिखा है कि यह जानकारी खुद बाबा ने उन्हें दी है.

60 रुपये में शिक्षक ने कब शुरू की सरकारी नौकरी

अगर राजस्थान के शिक्षक साल 2000 में रिटायर किए, तो उन्होंने करीब 30 से 33 साल तक अपनी सेवाएं दीं. इसका मतलब यह हुआ कि उन्होंने 1967 से 1970 के बीच शिक्षक के तौर पर 60 रुपये के वेतन पर सरकारी नौकरी की शुरुआत की और रिटायरमेंट के साल के हिसाब से देखें, तो उनका जन्म 1942-43 के बीच हुआ होगा.

60,000 से कैसे हो गई पेंशन

राजस्थान सरकार के कर्मचारियों की पेंशन राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के तहत गणना की जाती है, जो 2000 में रिटायरमेंट के समय लागू थी. राजस्थान सरकार के इस नियम के आधार पर पेंशन की पात्रता: न्यूनतम 10 वर्ष की अर्हक सेवा के बाद पेंशन मिलती है. 33 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन (50% अंतिम वेतन) मिलती है. अब अगर साल 2000 में शिक्षक का अंतरिम आहरित वेतन 8000 रुपये थी, तब उसमें महंगाई भत्ता जोड़ दीजिए और फिर 50% से गुणा कर दें.

  • पेंशन: (अंतिम आहरित वेतन + महंगाई भत्ता) × 50% (33 वर्ष या अधिक सेवा के लिए)
  • महंगाई राहत (डीआर): पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते (डीए) के समान महंगाई राहत (डीआर) दी जाती है, जो समय-समय पर संशोधित होती रहती है.
  • कम्यूटेशन: कर्मचारी अपनी पेंशन का 40% तक एकमुश्त राशि के रूप में ले सकते हैं, जिससे मासिक पेंशन कम हो जाती है, लेकिन 15 वर्ष बाद (2015 में) पूरी पेंशन बहाल हो जाती है.
  • आयु-आधारित अतिरिक्त पेंशन: 80 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों को अतिरिक्त पेंशन मिलती है. 80-85 वर्ष की आयु में 20% अतिरिक्त पेंशन दी जाती है.

रिटायरमेंट के समय पेंशन गणना

  • रिटायरमेंट के समय साल 2000 में अंतिम वेतन: 8,000 रुपये (बेसिक पे), 2000 में पांचवें वेतन आयोग (1996-2006) के तहत महंगाई भत्ता (डीए) लगभग 38-50% था. मान लें कि डीए 40% था, तो उनका कुल वेतन 8,000 + (8,000 × 40%) = 8,000 + 3,200 = 11,200 रुपये होगा.
  • पेंशन गणना: पेंशन = (अंतिम वेतन +डीए) × 50% = 11,200 × 50% = 5,600 रुपये हर महीने
  • कम्यूटेशन (वैकल्पिक): यदि कर्मचारी ने 40% पेंशन (2,240 रुपये) का कम्यूटेशन लिया, तो मासिक पेंशन 2000 से 2015 तक 3,360 रुपये रहती. 2015 में कम्यूटेशन अवधि समाप्त होने पर पूरी पेंशन (5,600 रुपये) बहाल हो जाती.

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2000 से 2025 तक वेतन आयोगों और डीआर का प्रभाव

  • पांचवां वेतन आयोग (1996-2006): पांचवां वेतन आयोग 2000 में लागू था, जिसके तहत बेसिक पे और डीए को समायोजित किया गया. 2000 में रिटायरमेंट के समय पेंशन 5,600 रुपये थी.
  • छठा वेतन आयोग: केंद्र और राजस्थान सरकार ने 2006 में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कीं. पुराने पेंशनभोगियों की पेंशन को संशोधित करने के लिए 2.26 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया. 2006 में संशोधित पेंशन के अनुसार, 5,600 मूल पेंशन और 2.26 फिटमेंट फैक्टर के आधार पर पेंशन की कुल राशि 12,656 रुपये हो गई. इसके अतिरिक्त, 2006 में डीए और डीआर शून्य से शुरू हुआ और समय के साथ बढ़ता गया. 2008 तक यह 16% था.
  • सातवां वेतन आयोग (2016): केंद्रीय सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को साल 2016 में लागू किया था. राजस्थान सरकार ने 2017 में राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियमावली, 2017 सातवां वेतन आयोग लागू किया. पुराने पेंशनभोगियों की पेंशन को दो विकल्पों के आधार पर संशोधित किया गया. इसके पहले विकल्प में पिछले वेतन के आधार पर पेंशन की पुनर्गणना को शामिल किया गया. वहीं, दूसरे विकल्प में मौजूदा पेंशन को 2.57 के फिटमेंट फैक्टर को शामिल किया गया. इस आधार पर साल 2016 में शिक्षक महोदय की कुल पेंशन 32,526 रुपये तक हो गई होगी.
  • महंगाई राहत: साल 2025 तक राजस्थान सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए डीए और डीआर केंद्रीय कर्मचारियों की तरह 50-53% है. मान लें कि डीआर 53% है, तो शिक्षक महोदाय की पेंशन 32,526 ×53% = 17,238 रुपये हो जाएगा. अब कुल आहरित पेंशन 32,526 रुपये में 17,238 रुपये जोड़ दें कुल पेंशन 49,764 रुपये होगी.
  • आयु-आधारित अतिरिक्त पेंशन: 83 वर्ष की आयु में राजस्थान सरकार 80-85 वर्ष के पेंशनभोगियों को 20% अतिरिक्त पेंशन देती है. इस आधार पर अब 32,526 रुपये की पेंशन राशि पर 20% अतिरिक्त रकम 6,505 रुपये जोड़ दें, यह 39,031 रुपये होती है. इस पर अब अगर 53% डीआर से मिलने वाली रकम 20,686 जोड़ दें, तब पेंशन की कुल रकम 59,717 रुपये होगी.

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