सुबह के साढ़े बारह बजे रहे हैं. अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर धनबाद के मनईटांड़ कुम्हार पट्टी में रहनेवाले कुम्हारों के हाथ तेजी से चाक पर घूम रहे हैं. उनके घर की महिलाएं व बच्चे दीया सुखाने व रंगने में व्यस्त हैं. तीन दिन से मौसम खराब होने की वजह से इन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. आग जलाकर दीयों को सुखाना पड़ा, तो पंखे का भी सहारा लेना पड़ा. सरस्वती पूजा भी सामने हैं. लेकिन उनका सारा ध्यान अभी दीये पर है. पहली बार एक साल में दो बार दीपावली जैसा माहौल बना है. अचानक से दीयों की मांग बढ़ गयी. सौ रुपये प्रति सैकड़ा पैकारी पर दीये उठाये जा रहे हैं. लाखों दीयों की मांग ने कुम्हारों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है. घूमते चाक भी मुस्कुराकर कुम्हार का साथ दे रहे हैं. उन्हें भी खुशी है राम लला के स्वागत में गिलहरी की तरह उनका भी योगदान रहेगा. उमेश पंडित का पोता चाक घूमा रहा है उमेश तेजी से दीया बनाने में लग जाते हैं. पूरा परिवार इसमें लगा है. रात दिन हमारी मेहनत चल रही है.
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