आपको बता दें कि इस बार रामनवमी पर पांच ग्रह मिलकर विशेष संयोग बन रहा है. यह योग पूरे 9 साल बाद देखने को मिलेगा. जिससे इस पर्व का महत्व और बढ़ जाएगा.
दरअसल, इस मामले के जानकार धार्मिक गुरुओं की माने तो इस बार 21 अप्रैल को नवमी शाम 7:00 बजे तक मनायी जानी है. वहीं, इस दौरान अश्लेषा नक्षत्र रात 3 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. जबकि, राम जन्म के समय सूल योग बन रहा है. आपको बता दें कि भगवान राम का जन्म राम नवमी तिथि को ही दोपहर 12 बजे के बाद हुआ था. वे कर्क राशि में जन्मे थे. लेकिन, इस बार यह संयोग सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर एक बजे के बीच रहने वाला है.
यही नहीं, इन सबके अलावा लग्न में स्वग्रही चंद्रमा रहेंगे, सप्तम भाव में स्वग्रही शनि होंगे और सूर्य दशम भाव में बुध और शुक्र के साथ दिखने वाले है.
रामनवमी पर बन रहा विशेष संयोग लाभकारी या हानिकारक ?
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विशेषज्ञों की मानें तो यह सभी विशेष संयोग मानव जीवन के लिए बेहद लाभदायक साबित होने वाला है.
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यह जीवन को सुखमय बनाएगा.
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यदि इस दौरान किसी बच्चे का जन्म होता है तो उसकी राशि कर्क होगा.
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ऐसा इसलिए भी क्योंकि भगवान राम जी की राशि कर्क है और इस बार रामनवमी पर चंद्रमा भी कर्क राशि में रहने वाले हैं.
राम नवमी 2021 का शुभ मुहूर्त
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नवमी तिथि आरम्भ: 21 अप्रैल, 2021 को 12 बजकर 43 मिनट से
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नवमी तिथि समाप्त: 22 अप्रैल, 2021 को 12 बजकर 35 मिनट तक
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नवमी पूजा शुभ मुहूर्त: 21 अप्रैल की सुबह 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक
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कुल 02 घंटे 36 मिनट की अवधि
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राम नवमी मध्याह्न समय: दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर
Posted By: Sumit Kumar Verma