Rama Ekadashi 2022: आज है रमा एकादशी, यहां देखें सामग्री लिस्ट, पूजन और पारण का शुभ मुहूर्त

Rama Ekadashi 2022: रमा एकादशी 20 अक्टूबर 2022 को शाम 4.04 बजे शुरू हो चुकी है और इसका समापन 21 अक्टूबर 2022 को शाम 5.22 पर होगा. रमा एकादशी व्रत के प्रभाव से जातक को सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं और मृत्यु उपरांत विष्णु लोक की प्राप्ति होती है.

By Shaurya Punj | October 21, 2022 6:38 AM
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Rama Ekadashi 2022: आज रमा एकादशी का व्रत 21 अक्‍टूबर को रखा जाएगा. रमा एकादशी दीपावली से ठीक पहले भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की पूजा करने की सर्वोत्‍तम तिथि मानी जाती है.

यहां देखें शुभ मुहूर्त

रमा एकादशी 20 अक्टूबर 2022 को शाम 4.04 बजे शुरू हो चुकी है और इसका समापन 21 अक्टूबर 2022 को शाम 5.22 पर होगा. इस तरह रमा एकादशी का व्रत उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार 21 अक्‍टूबर को रखा जाएगा. व्रत का पारण 22 अक्टूबर 2022 को प्रात: 6.30 – 08.47 तक किया जाएगा.

रमा एकादशी व्रत से मिलता है पुण्य, जीवन में आती है समृद्धि

पद्म पुराण में उल्लेखित वर्णन के अनुसार रमा एकादशी व्रत कामधेनु और चिंतामणि के समान फल देता है. इस व्रत को करने से मनुष्य के सभी पाप कर्मों का नाश होता है और उसे पुण्य  प्राप्ति होती है. इस व्रत के प्रभाव से धन-धान्य की कमी दूर होती है. इस एकादशी पर रमा (माँ लक्ष्मी) एवं भगवान विष्णु जी के पूर्णावतार केशव की पूजा करने का विधान है. हिन्दू पंचांग के अनुसार यह एकादशी चतुर्मास की अंतिम एकादशी है.

रमा एकादशी व्रत का महत्व

पद्म पुराण में उल्लेखित वर्णन के अनुसार रमा एकादशी व्रत कामधेनु और चिंतामणि के समान फल देता है. इस व्रत को करने से मनुष्य के सभी पाप कर्मों का नाश होता है और उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस व्रत के प्रभाव से धन-धान्य की कमी दूर होती है.

रमा एकादशी का प्रभाव

रमा एकादशी व्रत के प्रभाव से जातक को सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं और मृत्यु उपरांत विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि रमा एकादशी पर संध्या के समय दीपदान करने से देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं. इससे सुख-समृद्धि, धन में वृद्धि होती है और समस्त बिगड़े काम बन जाते हैं.

Rama Ekadashi 2022: रमा एकादशी व्रत के लाभ

रमा एकादशी व्रत के लाभ यह व्रत संतान, सुख, समृद्धि, धन की कामना रखने वाले मनुष्यों को अवश्य करना चाहिए.
इस व्रत के प्रभाव से जीवन के सारे अभाव दूर हो जाते हैं.
अनजाने में किए गए पापों का क्षय होता है.
अनजाने में किए गोहत्या, ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिलती है.
सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
स्त्री पुरुष दोनों यह व्रत रखें तो पारिवारिक सुख सौहा‌र्द्र बना रहता है.
 उत्तम वाहन, संपत्ति सुख प्राप्त होता है.
मृत्यु के पश्चात विष्णुलोक की प्राप्ति होती है.

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