नमाज़ से पहले खुत्बा पढ़ा गया. नमाज के बाद मुल्क की तरक्की, आपसी भाईचारे और खुशहाली के लिए दुआ की गई. नमाज़ के दौरान जामा मस्जिद के सेक्टरी डॉक्टर नफीस खान, हाजी अजमेरी, हाजी बब्बू, सैय्यद अखलाक आदि ने व्यवस्था को संभाला.
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दरगाह आला हज़रत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि सबसे आखिर में दरगाह आला हज़रत की रज़ा मस्जिद में साढ़े तीन बजे नमाज अदा की गई. यहां रजा मस्जिद के इमाम कारी रिजवान रजा ने नमाज अदा कराई.
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दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां),सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां समेत ख़ानदान के सभी लोग ने नमाज़ अदा की.नमाज़ के बाद सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मिया) ने कहा कि रमज़ान विदा हो रहे है, न कि नमाज़. नमाज़ अल्लाह ने पूरे साल पांचों वक्त मुसलमानों पर फर्ज की है. इसलिए रमजान के बाद भी नमाज की पाबंदी रखने की बात कही. जिस तरह रोजे की हालत में झूठ, गीबत, दूसरी सामाजिक बुराई से दूर रहते हैं. उसी तरह रमज़ान के बाद इन तमाम बुराइयों से अपने आप को पाक रखें.
दरगाह ताजुशरिया पर 01.45 बजे काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद रजा कादरी (असजद मियां) ने नमाज अदा कराई. खानकाह-ए-नियाजिया, दरगाह शाहदाना वली, दरगाह शाह शराफत मियां, दरगाह वली मियां, दरगाह नासिर मियां, दरगाह बशीर मियां, खानकाह-ए-वामिकिया के अलावा काकर टोला की नूरानी मस्जिद, कोतवाली की मोती मस्जिद, सैलानी की हबीबिया मस्जिद,मलूकपुर की मुफ्ती आज़म हिन्द मस्जिद, जसोली की पीराशाह मस्जिद,पुराना शहर की नूरानी मस्जिद, छः मीनारा मस्जिद, गौसिया मस्जिद, स्वाले नगर की एक मीनार मस्जिद, करोलान की आला हज़रत मस्जिद,सुभाष नगर की साबरी मस्जिद,शाहबाद की मुन्ना तारकश मस्जिद, जखीरा की इमली वाली मस्जिद, शाहमत गंज की कलंदर शाह मस्जिद, बिहारीपुर की बीबीजी मस्जिद,आजम नगर की हरी मस्जिद, कुतुबखाना की सुनहरी मस्जिद आदि सभी मस्जिदों में अपने- अपने वक़्तों पर नमाज़ अदा की गई.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद