वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ प्रभु जगन्नाथ का नेत्र उत्सव, नवयौवन रूप में दिए दर्शन, देखें Pics
15 दिनों के बाद बुधवार को प्रभु जगन्नाथ के दर्शन हुए. सरायकेला-खरसावां के जगन्नाथ मंदिर में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन का नेत्र उत्सव संपन्न हुआ. इस दौरान प्रभु का श्रृंगार भी किया गया. आगामी एक जुलाई को रथयात्रा है.
By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2022 8:10 PM
Rath Yatra 2022: मंगलम् भगवान विष्णु, मंगलम् मधुसुदनम, मंगलम् पुंडरी काख्य, मंगलम् गरुड़ ध्वज, माधव माधव बाजे, माधव माधव हरि, स्मरंती साधव नित्यम, शकल कार्य शुमाधवम्… जैसे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बुधवार को सरायकेला-खरसावां के जगन्नाथ मंदिर में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन का नेत्र उत्सव संपन्न हुआ. बुधवार को एक पखवाड़े के बाद सभी जगन्नाथ मंदिर के कपाट खुले. सरायकेला, खरसावां, हरिभंजा, सीनी, दलाईकेला, जोजोकुड़मा, बंदोलौहर के जगन्नाथ मंदिरों में इस वर्ष नेत्र उत्सव के दौरान नव यौवन रूप के दर्शन की रश्म अदायगी की गयी.
सरायकेला में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा का हुआ भव्य श्रृंगार
सरायकेला के जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को उत्कलिय परंपरा के अनुसार प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा का नेत्र उत्सव किया गया. प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा को अणसर गृह से मंदिर के रत्न सिंहासन में लाकर बैठाया गया. इसके बाद तीनों ही प्रतिमाओं का भव्य श्रृंगार किया गया. नेत्र उत्सव पर प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा के नवयौवन रूप के दर्शन हुए. नेत्र उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ काफी देखी गयी. सभी धार्मिक अनुष्ठान पुरोहित एवं सेवायतों द्वारा किया गया. इस दौरान मुख्य रूप से श्री जगन्नाथ सेवा समिति, सरायकेला के अध्यक्ष राजा सिंहदेव, सचिव पार्थ सारथी दाश, सुशांत महापात्र, बादल दुबे, केपी दुबे, पूजारी ब्रह्मनंद महापात्र, सुमित महापात्र, सानू आचार्या, अमित महापात्र, सुदीप पटनायक, राजीव महापात्र, चिरंजीवी महापात्र, राजेश मिश्रा, शंकर सतपथी, प्रशांत महापात्र आदि उपस्थित थे.
शंखध्वनि व पारंपरिक उलध्वनी के साथ हरिभंजा में हुई चतुर्था मूर्ति का नेत्र उत्सव
खरसावां के हरिभंजा स्थित जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा एवं सुदर्शन का नेत्र उत्सव किया गया. चतुर्था मूर्ति प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा एवं सुदर्शन के नवयौवन रूप में भक्तों को दर्शन दिए. इस दौरान भक्तों ने जय जगन्नाथ की जयघोष, शंखध्वनि एवं पारंपरिक उलध्वनि (हुलहुली) के बीच चतुर्था मूर्ति की आरती उतारी. साथ ही नेत्र उत्सव पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन-पूजन किया गया. यजमान की भूमिका गांव जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव ने निभाया. इस दौरान मुख्य रूप से संजय सिंहदेव, राजेश सिंहदेव, राणा सिंहदेव समेत आस पास के गांव के लोग जुटे थे.
खरसावां के राजवाड़ी में नेत्र उत्सव पर हुआ भंडारा
खरसावां के राजवाड़ी स्थित जगन्नाथ मंदिर में बुधवार की देर शाम पूरे विधि-विधान के साथ प्रभु जगन्नाथ का नेत्र उत्सव किया गया. मौके पर राज पुरोहित अंबुजाख्य आचार्य, गुरु विमला षाड़ंगी एवं मंदिर के पुजारी राजाराम सतपथि ने पूजा अर्चना की. इस दौरान तीनों ही मूर्तियों को नये वस्त्र पहनाये गए. इसके बाद भंडारे का आयोजन कर भक्तों में प्रसाद का भी वितरण किया गया. मौके पर राजमाता विजया देवी, राजा गोपाल नारायण सिंहदेव, रानी अपराजिता सिंहदेव, राकेश दाश आदि मौजूद रहे. खरसावां के अंचल अधिकारी गौतम कुमार भी नेत्र उत्सव पूजा में शामिल होने के लिये पहुंचे थे. नेत्र उत्सव पूजा सादगी व शांति पूर्वक ढंग से किया गया.
एक जुलाई को निकलेगी महाप्रभु की रथ यात्रा
महाप्रभु जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा शुक्रवार को निकलेगी. मंदिर परिसर में सभी रश्मों को निभाते हुए प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा की प्रतिमाओं को रथ पर चढ़ा कर गुंडिचा मंदिर के लिए ले जाया जायेगा.