उसने बताया कि सबने शराब पीकर पांच घंटे में रेबिका के शव के कई टुकड़े किये थे. इसके बाद बोरी में भरकर खाली व सुनसान जगह पर फेंक दिया था. एसपी ने कहा कि हत्याकांड के बाद पुलिस मैनुल अंसारी की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थी.
अनुसंधान के क्रम में दिल्ली में छुपने की बात आयी थी सामने
अनुसंधान के क्रम में दिल्ली में मैनुल की छुपे होने की बात सामने आयी थी. उसे गिरफ्तार करने के लिए छह सदस्यीय टीम 12 फरवरी को दिल्ली रवाना हुई थी. आधुनिक तकनीक के सहारे उसे गिरफ्तार किया गया. एसपी ने बताया कि मैनुल का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. मैनुल को गिरफ्तार करने को 12 फरवरी को छह सदस्य टीम दिल्ली पुलिस के सहयोग से छापेमारी शुरू की थी. अनुसंधान के क्रम में उसके पुराने ठिकाना कोटला मुबारकपुर का नाम सामने आया. चूंकि पुलिस मामले में पहले पता कर चुकी थी. पिछले कई बार मैनुल कोटला मुबारकपुर में जाकर रह चुका था. गुप्त सूचना पर कोटला मुबारकपुर के मोती ढाबा के बगल गली में मैनुल को उनके कटिहार निवासी एक दूर के रिश्तेदार के किराये के कमरे से गिरफ्तार किया गया.
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मैनुल अंसारी ने बताया कि शुरुआत में अपने रिश्तेदार को उसने रेबिका की हत्या के बारे में कुछ नहीं बताया था. लेकिन कुछ दिन बाद उसके कटिहार वाले रिश्तेदार को इस बात की भनक लग गयी थी कि मैनुल बड़ी घटना को अंजाम देकर दिल्ली आया है. इसके बाद वहां से मैनुल कुछ दिन अलग ठिकाने पर टिका रहा. फिर बाद में फिर उसी के पास आकर उसके साथ रहने और काम करने की बात पर राजी कर लिया था. मैनुल अंसारी को गिरफ्तार करनेवाले छह पुलिसकर्मियों में शामिल बोरियो थाना प्रभारी जगन्नाथ पान, निरंजन कच्छप, सुनील शर्मा, वीरेंद्रनाथ, अभिषेक कुमार व सुमित हेंब्रम को एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया.