मांग-पत्र मृतका रेबिका पहाड़िन के परिजनों को 50 लाख मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, हत्याकांड के आरोपी दिलदार अंसारी समेत अन्य सभी आरोपियों के विरुद्ध एसटी/एससी 1989 अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराने, शव का फोरेंसिक जांच कराने, मामले की जांच सीबीआइ से कराने एवं रेबिका पहाड़िन के हत्यारों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से तीन माह के अंदर सार्वजनिक स्थान पर फांसी देने की मांग शामिल है.
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पुलिस बल की मौजूदगी में दोनों को भेजा मंडलकारा
रेबिका हत्याकांड में रिमांड पर लिये गये मुख्य आरोपी दिलदार की मां मरियम व मैनुल हक से दो दिनों तक पूछताछ के बाद शुक्रवार को भारी सुरक्षा के बीच बोरियो थाना से साहिबगंज जेल भेज दिया गया. बोरियो में हिल एसेंबली की न्याय-यात्रा रैली को देखते हुए पुलिस पहले से सजग थी. कहीं रास्ते में दोनों आरोपियों की मॉब लिंचिंग न हो जाये, इसको देखते एसआइ सुषमा कुमारी के नेतृत्व में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. सुबह करीब 10 बजे पुलिस वाहन से दोनों को साहिबगंज जिरवाबाड़ी थाना लाया गया. जिरवाबाड़ी थाना में भी दोनों से पूछताछ हुई, इसके बाद सदर अस्पताल में दोनों की मेडिकल जांच के बाद शाम करीब चार बजे मंडल कारा भेज दिया गया.
36 घंटे की लंबी पूछताछ में चुप रही मरियम
रेबिका हत्याकांड मामले में दो दिनों के रिमांड पर लिये गये मुख्य आरोपी दिलदार की मां मरियम व स्टैंड किरानी मैनुल हक से पुलिस ने करीब 36 घंटे तक लंबी पूछताछ की. सूत्रों कि माने तो इस लंबी पूछताछ में पुलिस को कई अहम सवालों के जवाब मिले हैं. हालांकि पूरी पूछताछ में मरियम चुप रही. कई सवालों पर वह खामोश रही और कुछ सवालों पर आनाकानी की. वहीं मैनुल से कत्ल को लेकर पैसे की डील व शव के बाकी टुकड़ों को कहां फेंका गया है, शव के टुकड़े करने का षड्यंत्र किसके इशारे पर किया गया. ऐसे सवाल किये गये. फरार मैनुल अंसारी के बारे में भी पूछताछ की गयी. वहीं मरियम से पुलिस ने पूछा -क्या तुम्हारी पहली बहू ने रेबिका को मारने के लिए उकसाया था. सूत्रों के अनुसार, पुलिस को अबतक कई सवालों के जवाब नहीं मिल सके हैं. इस कारण पुलिस एक बार फिर न्यायालय से इन दोनों के अलावा दिलदार समेत तीन अन्य तीन लोगों को रिमांड पर लेने की अर्जी देगी.