बृजभूषण ने कही यह बात
डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि यह मेरी व्यक्तिगत जीत नहीं है, यह देश के पहलवानों की जीत है. मुझे उम्मीद है कि नए महासंघ के गठन के बाद कुश्ती प्रतियोगिताएं फिर से शुरू होंगी जो पिछले 11 महीनों से रुकी हुई हैं. दूसरी ओर, एक वीडियो में पहलवान साक्षी मलिक रोते हुए कहती हैं कि अगर बृजभूषण सिंह के बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना जाता है, तो मैं कुश्ती छोड़ दूंगी.
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अधिकतर सीट पर संजय के पैनल के लोग
संजय सिंह तो अध्यक्ष बने ही, उनके पैनल के सदस्यों ने अधिकतर पदों पर आसान जीत हासिल की. उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रमंडल खेलों की पूर्व स्वर्ण पदक विजेता अनिता श्योराण को सिर्फ सात वोट मिले. आरएसएस से जुड़े संजय वाराणसी के रहने वाले हैं. वह बृजभूषण के बहुत करीबी सहयोगी हैं. निवर्तमान प्रमुख की खेल में जबरदस्त रुचि को देखते हुए यह उम्मीद है कि संजय नीतिगत निर्णयों में उनसे सलाह लेंगे.
फिर से शुरू होगी प्रतियोगिताएं
संजय ने चुनावों में जीत दर्ज करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह देश के हजारों पहलवानों की जीत है जिन्हें पिछले सात से आठ महीनों में नुकसान उठाना पड़ा है. महासंघ के अंदर चल रही राजनीति के बारे में पूछे जाने उन्होंने कहा कि हम राजनीति का जवाब राजनीति और कुश्ती का जवाब कुश्ती से देंगे. अनिता का पैनल हालांकि महासचिव पद अपने नाम करने में सफल रहा जब प्रेम चंद लोचब ने दर्शन लाल को हराया. रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड के पूर्व सचिव लोचब ने 27-19 से जीत दर्ज की.
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