झारखंड: 30 दिसंबर को भारत बंद व रेल-रोड चक्का करेंगे जाम, तैयारी तेज, सरना कोड लागू करने की कर रहे हैं मांग
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि सरना कोड भारत के प्राकृतिक पूजक लगभग 15 करोड़ आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान व हिस्सेदारी की जीवन रेखा है. 2011 की जनगणना में 50 लाख आदिवासियों ने सरना धर्म लिखवाया था.
By Guru Swarup Mishra | December 14, 2023 8:11 PM
लोहरदगा: सरना कोड लागू करने की मांग को लेकर 30 दिसंबर को भारत बंद और रेल-रोड चक्का जाम किया जाएगा. इसे लेकर गुरुवार को आदिवासी सेंगेल अभियान, केन्द्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, जिला सरना समिति लोहरदगा, राजी पड़हा प्रार्थना सभा लोहरदगा जिला एवं विभिन्न सरना आदिवासी संगठन के अगुवा लोगों की बैठक सह प्रेस कॉन्फ्रेंस लोहरदगा में हुई. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सरना समिति लोहरदगा के अध्यक्ष चैतू उरांव ने की. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सालखन मुर्मू एवं विशिष्ट अतिथि के तौर पर केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की उपस्थित थे. इन्होंने कहा कि 30 दिसंबर 2023 को आदिवासी भारत बंद और रेल-रोड चक्का जाम करेंगे. ये बंद ऐतिहासिक होगा.
30 दिसंबर को भारत बंद
आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा कि सरना कोड भारत के प्राकृतिक पूजक लगभग 15 करोड़ आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान व हिस्सेदारी की जीवन रेखा है. 2011 की जनगणना में 50 लाख आदिवासियों ने सरना धर्म लिखवाया था. सरना धर्म कोड के बगैर आदिवासियों को जबरन हिंदू, मुसलमान, ईसाई आदि बनाना धार्मिक गुलामी को मजबूर करना है. 15 नवंबर को प्रधानमंत्री उलिहातू और राष्ट्रपति का 20 नवंबर 2023 को मयूरभंज के बारीपदा आए थे, परंतु सरना कोड को लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा. इस कारण आदिवासी समाज आंदोलन के लिए बाध्य है एवं 30 दिसंबर 2023 को आदिवासी भारत बंद और रेल रोड चक्का जाम करेंगे.
केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरना कोड मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा. सरना कोड को लेकर पूरे देश में वृहद आंदोलन चलाया जा रहा. 30 दिसंबर को भारत बंद ऐतिहासिक होगा. मौके पर केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष, लोहरदगा जिला सरना समिति के अध्यक्ष, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा, बना मुंडा, प्रमोद एक्का, दीपक कुमार समेत अन्य उपस्थित थे.