Home Badi Khabar Shani Amavasya 2021: क्या है शनैश्चरी अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व, शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए क्या करें

Shani Amavasya 2021: क्या है शनैश्चरी अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व, शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए क्या करें

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Shani Amavasya 2021: क्या है शनैश्चरी अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व, शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए क्या करें

Shani Amavasya Ke Totke, Upay, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Shani Dosh Nivaran Ke Upay: वैसे तो शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है. इस दिन शनि की साढ़ेसाती एवं शनि ढैय्या से बचने के लिए लोग विशेष उपाय करते हैं. लेकिन, यदि इस दिन अमावस्या तिथि पड़ जाए तो इसका महत्व और बढ़ जाता है. आपको बता दें कि 13 मार्च यानी कल शनि अमावस्या (Shani Amavasya 2021) या शनैश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2021) तिथि पड़ रही है. इसे फाल्गुन मास की अमावस्या भी कहा जाता है. तो आइए जानते हैं शनैश्चरी अमावस्या के महत्व, शुभ मुहूर्त और उपाय व पूजा विधि के बारे में…

शनैश्चरी अमावस्या का महत्व (Shani Amavasya Ka Mahatva)

जैसा कि पहले ही बताया कि शनिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या से इस दिन का महत्व बढ़ जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस विशेष दिन शनिदेव की कृपा दृष्टि पाने के लिए लोग विधि विधान से पूजा-अर्चना करते हैं.

शनि महाराज को ऐसे करें प्रसन्न

शनैश्चरी अमावस्या पर शनि महाराज को नीले रंग का अपराजिता फूल चढ़ाएं और काले रंग की बाती और तिल के तेल से दीप जलाएं. साथ ही ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम: मंत्र का तीन माला जप करें. यह उपाय शनि दोष को दूर करने में बेहद कारगर माना जाता है.

शनि दोष से मुक्ति पाने के अन्य उपाय

भगवान शिव की करें आराधना: शनैश्चरी अमावस्या पर नियमपूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिव पंचाक्षरी जाप व चालिसा पढ़ना बेहद शुभ माना गया है. ऐसी मान्यता है कि इससे शनि की वक्र दृष्टि से मुक्ति मिलती है. साथ जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर होती है.

ऐसे करें शमी वृक्ष की पूजा: शनैश्चरी अमावस्या पर घर पर शमी के पौधे लगाएं और प्रतिदिन विधि-विधान से इसकी पूजा करें. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से घर के सभी वास्तु दोष समाप्त होते हैं.

पीपल वृक्ष की करें पूजा: शनि अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन सरसों के तेल का एक दीपक पीपल वृक्ष के समीप जलाएं. साथ ही साथ शनिदेव का ध्यान भी लगाएं.

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बजरंगबली की पूजा का महत्व: शनैश्चरी अमावस्या पर बजरंगबली की पूजा करना न भूलें. यदि संभव हो तो आज सुंदरकांड पाठ या हनुमान चालिसा पढ़ें और हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाएं. ऐसी मान्यता है कि इससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है.

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शनैश्चरी अमावस्या मुहूर्त 2021

अमावस्या तिथि प्रारंभ – 12 मार्च को दोपहर 03 बजकर 02 मिनट से

अमावस्या तिथि समाप्त – 13 मार्च को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट तक

Posted By: Sumit Kumar Verma

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