बरेली: कुतुबखाना मार्केट के दुकानदारों का टूटा सब्र, ठेला लगाने वालों के विरोध में दुकान बंद कर धरने पर बैठे
कुतुबखाना मार्केट के दुकानदारों का सब्र टूट गया. वह फड़ ठेले वालों के विरोध में दुकानें बंद कर धरने पर बैठ गए. उनको काफी मुश्किल से मनाया गया. वह लगातार शोषण से काफी खफा हैं.उनकी मांग है कि पुल के नीचे लगने वाले फल ठेलों की वजह से जाम लगा रहता है. इससे ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच पाते.
By Prabhat Khabar News Desk | October 10, 2023 1:10 PM
बरेली के कुतुबखाना मार्केट के दुकानदार का सब्र टूट गया. कुतुबखाना मार्केट के दुकानदार फड़ ठेले वालों के विरोध में दुकानें बंद कर धरने पर बैठ गए. उनको मनाने की काफी कोशिश चल रही है. मगर,वह लगातार शोषण से काफी खफा हैं. उनकी मांग है कि कुतुबखाना पुल के नीचे लगने वाले फल ठेलों की वजह से जाम लगा रहता है और ग्राहक उनकी दुकानों तक नहीं पहुंच पाते. इसके साथ ही व्यापारियों ने ठेलों को न हटाने पर हमेशा दुकान बंद करने की बात कही.
शहर के कोहाड़ापीर से कोतवाली तक कुतुबखाना ओवरब्रिज के निर्माण का कार्य चल रहा है. मगर, इसके निर्माण से व्यापारियों की दिक्कतें शुरू हो गईं हैं, जो कम होने का नाम नहीं ले रही. कार्यदायी संस्था की लपरवाही से भी व्यापारी परेशान हैं. इसके साथ ही अवैध तरीके से फड़ और ठेले लगाने वाले भी व्यापारियों के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं. ओवरब्रिज का निर्माण शुरू होने के बाद से ग्राहक काफी कम हो गए हैं.
आए दिन व्यापारियों से कहासुनी
दुकानों के सामने फड़ ठेले वाले दुकान लगा लेते हैं.इससे दुकानों पर ग्राहक नहीं आते. इससे हर दिन व्यापारियों से फड़ ठेले वालों की कहासुनी होती है. एक व्यक्ति ने दुकान के सामने ठेला लगाया था. उससे मना किया तो वो दुकानदारों से भिड़ गया. उसने काफी अभद्रता की. इससे गुस्साए दर्जनों व्यापारी अपनी दुकानें बंद करके निर्माणाधीन पुल के नीचे धरने पर बैठ गए थे.
दुकानदारों ने जमकर नारेबाजी की. दुकानदारों का कहना है कि दुकानों के सामने फड़, और ठेले लगाए जा रहे हैं. इससे जाम लगता है. जिसके चलते ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच पाते. इस मामले में दुकानदार प्रशासनिक अफसरों से भी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. पुलिस ने दुकानदारों को समझाया. इसके बाद दुकानदार शांत हो गए. मगर, उन्होंने फड़, और ठेले वालों को न हटाने पर अनिश्चितकालीन दुकान बंद करने की चेतवानी दी.