झारखंड : पूर्वी सिंहभूम के सिरसा गांव में सरकारी तालाब की मेढ़ को बना दी सड़क, विधायक ने जतायी नाराजगी

पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला का सिरसा गांव. इस गांव में एक बिल्डर पर सरकारी तालाब की मेढ़ को सड़क बनाने का आरोप लगा है. खुलासा तब हुआ है जब तालाब के जीर्णोद्धार का शिलान्यास करने विधायक रामदास सोरेन पहुंचे. इसको लेकर विधायक ने नाराजगी जतायी. वहीं, बिल्डर ने आरोपों को किया खारिज.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2023 12:59 PM
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Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखंड स्थित महुलिया पंचायत के सिरसा गांव में जमशेदपुर के एक बिल्डर ने काफी जमीन खरीदी है. इस बिल्डर ने पास के सरकारी तालाब की मेढ़ को सड़क बना दिया. इसे अपनी खरीदी गयी जमीन तक जाने के लिए उपयोग कर रहे हैं. इस बिल्डर द्वारा जमीन प्लॉटिंग कर बेच जा रहा है. इसका खुलासा तब हुआ, जब भूमि संरक्षण विभाग से स्वीकृत तालाब जीर्णोद्वार योजना का शिलान्यास करने विधायक रामदास सोरेन सिरसा गांव पहुंचे. यहां सरकारी तालाब की आड़ को रास्ता बना देख विधायक नाराज हुए.

विधायक ने तालाब की आड़ पर बनी सड़क के बीचोंबीच शिलापट्ट का शिलान्यास कराया

ग्रामीणों के मुताबिक, बिल्डर ने तालाब की आड़ को रास्ता बना दिया है. नाराज विधायक ने तालाब की आड़ पर बनी सड़क के बीचोंबीच शिलापट्ट गड़वाया और शिलान्यास कर दिया. विधायक ने उपस्थित भूमि संरक्षण पदाधिकारी एसएन सिंह से कहा कि यह सड़क नहीं है तालाब की मेड़ है. तालाब की खुदाई कर मिट्टी इसी पर डालकर मेड़ को ऊंचा और मजबूत बनाएं. यहां सड़क नहीं रहेगी. जरूरत पड़े तो अंचल विभाग से नक्शा देखकर बिल्डर की गलतफहमी दूर कर दें. विधायक ने सरकारी तालाब के बगल में गाड़े गये बिल्डर के बोर्ड जिसमें वृंदावन गार्डेन लिखा है, उसे सरकारी जमीन से हटाने का आदेश दिया. विधायक ने कहा उक्त जगह पर किसी तरह का कोई सड़क नहीं है, बल्कि तालाब की मेड़ है. विधायक ने लाभुक समिति को आदेश दिया कि तालाब निर्माण के समय उक्त सड़क में तालाब की मेड़ बना दें.

पूर्व में हुआ था आंदोलन, बाद में मामला ठंडा पड़ गया

ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना काल के पूर्व सिरसा में बिल्डर द्वारा तालाब की मेड़ को सड़क बना देने पर आंदोलन हुआ था. पौधरोपण कर सड़क को बंद कर दिया गया था. बाद में मामला ठंड पड़ गया और बिल्डर ने मुरूम गिराकर मेड़ को सड़क बना दिया. एक बार फिर विधायक के यहां पहुंचने पर मामला तूल पकड़ा है.

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वृंदावन गार्डेन के डायरेक्टर ने कही ये बात

वृंदावन गार्डेन के डायरेक्टर सुधांशु सिन्हा ने कहा कि मुझे पता है सरकारी तालाब की आड़ है, पर जब तक खुला है उसे रास्ते के रूप में उपयोग कर रहे हैं. ग्रामीण भी इसी रास्ते से अपना खेत जाते हैं. ग्रीन हेरिटेज लिखा एक गेट बना है, वहां से मेरा अपना रास्ता है. अगर मेड़ बनाकर रास्ता बंद कर दिया जायेगा मैं अपने रास्ते का उपयोग करूंगा. पर रास्ता बंद होने से ग्रामीणों को खेत जाने और धान लाने के लिए ट्रैक्टर ले जाने में परेशानी होगी.

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