214 विद्यार्थियों में 106 छात्राएं हैं स्कूल में
स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक संदीप केसरी ने बताया कि स्कूल में फिलहाल 214 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. नौवीं में अभी नामांकन जारी है. 9वीं में 28, 10वीं में 70 और 12वीं में 90 विद्यार्थी हैं. नौवीं में छात्राओं की संख्या 11 है. 10वीं में 27 और 12वीं में 68 छात्राएं हैं. उन्होंने बताया कि स्कूल में 214 विद्यार्थियों में 106 छात्राएं हैं.
एनएच 18 पर 30 से अधिक लोग गवां चुके हैं जान
बता दें कि अनुमंडल अस्पताल से लेकर काशिदा के बीच एनएच 18 पार करने के दौरान 30 से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं. वहीं आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं.
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भवन जर्जर, आइटी छोड़ सभी कक्षाओं में लटक रहे ताले
भवन के ऊपरी तल्ले पर बने अधिकांश वर्ग कक्ष के प्लास्टर झड़ने लगे हैं. वर्ग कक्ष में अगर छात्र कूदते हैं, तो भवन में कंपन होने लगती है. सीढ़ी के रूफ का प्लास्टर भी झड़ने लगा है. ऊपरी तल्ले के अधिकतर कमरों के प्लास्टर झड़ने के कारण उसमें कक्षाएं संचालित नहीं होती हैं. ऊपरी तल्ले के एक आइटी कक्ष को छोड़ कर सभी वर्ग कक्षाओं में ताले लटक रहे हैं.
बोले विद्यार्थी
इस मामले में गोपालपुर कटिनपाड़ा से इस स्कूल में पढ़ने आने वाली छात्राओं का कहना है कि एनएच-18 पार करने के दौरान वाहनों को दोनों तरफ से ही देख कर पार करती हैं. अगर एनएच से वाहन गुजरता है, तो वे वाहन के जाने का इंतजार करती हैं. वाहन जाने के बाद ही एनएच पार करती हैं. छात्राओं ने कहा कि उन्हें एनएच पार कराने के लिए न तो स्कूल के शिक्षक आते हैं और न ही अभिभावक. विद्यालय में नामांकन के बाद से ही उनके दिमाग में यह बात हमेशा रही है कि स्कूल जाने और स्कूल की छुट्टी के बाद एनएच पार करने के दौरान दिमाग को शांत रखना है, ताकि किसी तरह की समस्या उत्पन्न नहीं हो.
विद्यार्थियों को हमेशा सड़क सुरक्षा का पढ़ाया जाता है पाठ : प्रभारी प्रधानाध्यापक
इस संबंध में मारवाडी हिंदी प्लस टू हाई स्कूल, घाटशिला के प्रभारी प्रधानाध्यापक संदीप केसरी ने कहा कि स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हमेशा समझाया जाता है कि सड़क सुरक्षा का ख्याल रखना है. एनएच पार करते समय दोनों तरफ वाहनों को देख कर ही एनएच या सड़क पार करनी है. छुट्टी के दौरान शिक्षक विद्यार्थियों को एनएच पार कराने का काम करते हैं. जहां तक ऊपरी तल्ले के भवन की मरम्मत की बात है. स्कूल मद में उतनी राशि नहीं है कि सभी कमरों की मरम्मत करायी जा सके. निचले तल्ले के अधिकांश भवनों की मरम्मत करायी गयी है. प्लास्टर झड़ने के कारण ऊपरी तल्ले के आईटी को छोड़ कर अधिकतर कमरों में कक्षाएं संचालित नहीं होती हैं.
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