पर्यटकों को आकर्षित कर रहा हजारीबाग का सूर्यकुंड, ठंड में गर्मी का एहसास दिलाता गर्म जलकुंड, देखें Pics
jharkhand news: नववर्ष 2022 सामने है. पर्यटक घूमने का मन बना रहे हैं, तो हजारीबाग के बरकट्ठा का सूर्यकुंड क्षेत्र पर्यटकों को खूब आकर्षित कर रहा है. यहां गर्म जलकुंडों में स्नान करने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है. इसके आसपास जंगल और पहाड़ों की मनोरम वादियां प्रकृति छटा में चार चांद लगा रही है.
By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2021 9:19 PM
Jharkhand news: हजारीबाग जिला अंतर्गत बरकट्ठा का धार्मिक पर्यटक स्थल सूर्यकुंड पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है. आध्यात्मिक के साथ-साथ मनोरम वादियों के लिए सूर्यकुंड में हरदिन काफी संख्या में लोग दूर-दराज से यहां पहुंचते हैं. सूर्यकुंड स्थित गर्म जलकुंड इस ठंड का एहसास दिलाएगा. ठंड के दिनों में यहां गर्म जलकुंडों में स्नान करने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है. इस जलकुुंड का तापमान 88.5 डिग्री सेल्सियस तक रहता है. इससे निकलने वाली जलधारा बाहर के अन्य कुंडों में जाकर एकत्रित होती है.
सूर्यकुंड के इस गर्म जलकुंड में स्नान करने से चर्म रोग से मुक्ति मिलेगी. सूर्यकुंड के दक्षिण दिशा में स्थित नदी में बहती जलधारा एवं आसपास जंगलों व पहाड़ों के मनोरम वादियां प्रकृति की छटा में चार चांद लगाती है. वहीं, कुंड परिसर में स्थित प्राचीन मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, सात घोड़े पर सवार भगवान सूर्य की मंदिर है.
भगवान राम से यहां का इतिहास जुड़ा है. पग-पग पर प्राचीन अवशेष है. सूर्यकुंड में प्रतिवर्ष सैकड़ों जोडें विवाह के बंधन में बंध रहे हैं. यह हजारीबाग जिला मुख्यालय से 65 किमी, बरही चौक से 28 किमी, बरकट्ठा से 4 किमी और एनएच-2 दिल्ली- कोलकाता मार्ग से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है. सूर्यकुंड अपने अंदर कई ऐतिहासिक व धार्मिक धरोहर समेटे हुए है. यह हजारीबाग जिला के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है. बरकट्ठा प्रखंड मुख्यालय से नजदीक होने के कारण यहां नववर्ष में आराम से आकार लोग घूम सकते हैं.
सूर्यकुंड परिसर में पर्यटन विभाग से दो मंजिला गेस्ट हाउस, कुंड़ो की जिर्णोद्धार एवं शेड निर्माण, कुंड एवं मंदिर परिसर का सुंदरीकरण, बच्चों के लिए झूला, शौचालय निर्माण किया गया है. सूर्यकुंड में मकर संक्रांति के मौके पर हर साल 14 से 30 जनवरी तक 16 दिवसीय भव्य मेला का आयोजन किया जाता है. मेले में झारखंड के अलावे दूसरे राज्यों से हजारों की संख्या में लोग सपरिवार मेला घूमने आते हैं.