iPhone को लेकर Tata Group ने बनाया बड़ा प्लान, जानिए लेटेस्ट अपडेट

Tata Group पहले से ही Wistron से अधिग्रहित iPhone की फैक्टरी चला रही है. ऐपल ने चीन में मैन्युफैक्चरिंग घटाने की योजना बनायी है. इसके लिए भारत, थाईलैंड, मलेशिया और कुछ अन्य देशों में कंपनी असेंबली और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स के साथ बात कर रही है.

By Rajeev Kumar | December 12, 2023 7:52 AM
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Tata Group iPhone Factory : सॉफ्टवेयर से लेकर ऑटोबाइल तक का बिजनेस करनेवाले टाटा ग्रुप (Tata Group) ने भारत में आईफोन (iPhone) को असेंबल करने की सबसे बड़ी फैक्टरी लगाने की योजना बनायी है.

पिछले कुछ सालों में देश में आईफोन की बिक्री तेजी से बढ़ी है. दुनियाभर में बड़ी संख्या में बिकनेवाले आईफोन को बनानेवाली ऐपल का प्लान चीन में मैन्युफैक्चरिंग घटाने का है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप की योजना तमिलनाडु के होसुर में यह फैक्टरी बनाने की है. इसमें लगभग 50,000 वर्कर्स को रोजगार मिल सकता है. इस फैक्टरी में लगभग 20 असेंबली लाइंस होंगी. इसे 12 से 18 महीनों में शुरू किया जा सकता है.

टाटा ग्रुप पहले से ही Wistron से अधिग्रहित iPhone की फैक्टरी चला रही है. ऐपल ने चीन में मैन्युफैक्चरिंग घटाने की योजना बनायी है. इसके लिए भारत, थाईलैंड, मलेशिया और कुछ अन्य देशों में कंपनी असेंबली और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स के साथ बात कर रही है.

Apple का पूरा फोकस भारत पर है. वह देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाना चाहती है. इसका फायदा उठाने के लिए टाटा ग्रुप भारत में नया आईफोन असेंबली प्लांट लगाने के लिए प्लान बना रही है. यह भारत के सबसे बड़े प्लांट में से एक होगा.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप तमिलनाडु के होसुर में असेंबली प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है. रिपोर्ट की मानें, तो प्लांट में लगभग 20 असेंबली लाइन होंगी और 2 साल के अंदर 50 हजार नौकरियां क्रिएट करेगा. साइट को 12 से 18 महीने में ऑपरेशनल करने का टारगेट है.

टाटा ग्रुप अगर यह प्लांट बनता है, तो ऐपल को भी इसका फायदा होगा, क्योंकि सप्लाई चेन को स्थानीय बनाने और टाटा के साथ पार्टनरशिप को मजबूती मिलेगी. बता दें कि ऐपल की आईफोन फैक्टरी पहले से ही कर्नाटक में है, जिसको टाटा ने खरीद लिया है. ऐपल चीन के अलावा भारत, थाईलैंड, मलेशिया और अन्य देशों में अपने उत्पादन को बढ़ाने की योजना बना रहा है. यह चीन पर अपनी निर्भरता कम करने और अपने सप्लाई चेन को विविध बनाने के लिए कर रहा है.

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