Telecom Bill 2023: जल्द होने जा रहे हैं ये बड़े बदलाव; मोबाइल यूजर्स पर क्या पड़ेगा इसका असर?

Telecom Bill 2023: यह बिल टेलीकॉम रिसोर्सेज के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए कंपनियों के लिए आवेदक के वेरिफिकेशन योग्य बायोमेट्रिक डेटा को कैप्चर करने के बाद सिम जारी करना जरुरी बनाता है.

By Saurabh Poddar | December 23, 2023 12:49 PM
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Telecom Bill 2023: लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी टेलीकम्यूनिकेशन बिल 2023 पास कर दिया गया है. इस बिल के तहत सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए गैर-नीलामी वाले प्रोसेस को अपनाया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें टेलीकॉम बिल 2023 को राज्यसभा में ध्वनि मत से मजूरी दी गयी थी. बता दें यह बिल सेंट्रल गवर्नमेंट को किसी भी पब्लिक इमरजेंसी के हालात में या पब्लिक सिक्योरिटी के हित में टेलीकॉम नेटवर्क को अपने कंट्रोल में लेने की आजादी देता है. आज हम आपको बताने वाले हैं कि इस बिल का असर क्या होने वाला है. चलिए आसान पॉइंट्स में जानते हैं आखिर यह टेलीकॉम बिल क्या है और इसका क्या असर पड़ने वाला है.

3 साल की जेल और 50 लाख रुपये का जुर्माना

इस बिल में फर्जी तरीके से सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगाने के लिए सख्त प्रावधान हैं. किसी भी उल्लंघन या प्रतिरूपण पर जुर्माने के साथ तीन साल की कैद होगी. मंत्री ने कहा कि विधेयक में फ्रॉड, चीटिंग, प्रतिरूपण के माध्यम से सिम या अन्य टेलीकॉम रिसोर्स हासिल करने वाले व्यक्ति के लिए तीन साल तक की जेल की सजा या 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. यह बिल टेलीकॉम रिसोर्सेज के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए कंपनियों के लिए आवेदक के वेरिफिकेशन योग्य बायोमेट्रिक डेटा को कैप्चर करने के बाद सिम जारी करना जरुरी बनाता है.

सिम कार्ड स्पूफिंग दंडनीय अपराध

स्पूफिंग या क्लोनिंग से जुड़े अपराधों के लिए भी सख्त प्रावधान हैं. सिम कार्ड क्लोनिंग देश भर में एक बड़ा साइबर क्राइम खतरा बन गया है. रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने कई मौकों पर अपने ग्राहकों को इसके खिलाफ चेतावनी भी दी है.

टेलीकॉम रेगुलेटरी ट्राई की शक्तियों को करता है सीमित

दूरसंचार कंपनियों के लिए अच्छी खबर यह है कि यह बिल उद्योग के प्लेयर्स द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करके भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की शक्तियों पर अंकुश लगाता है.

कंपनी ने लाइसेंस सरेंडर किया तो नए नियम

टेलीकॉम बिल कुछ नियमों को आसान बनाता है, जैसे कि किसी कंपनी द्वारा अपना परमिट सरेंडर करने की स्थिति में लाइसेंस और पंजीकरण के लिए शुल्क की वापसी.

​प्रचारात्मक संदेश भेजने के लिए यूजर्स की पूर्व सहमति जरुरी

विधेयक में प्रस्ताव है कि प्रचार, विज्ञापन आदि जैसे कुछ मैसेज प्राप्त करने के लिए पूर्व सहमति ली जानी चाहिए.

टेलीकॉम कंपनियों पर जुर्माना 5 करोड़ रुपये तक सीमित

सरकार ने टेलीकॉम ऑपरेटरों पर लगाए जाने वाले जुर्माने की लिमिट 5 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, जो पहले प्रति सर्कल 50 करोड़ रुपये थी, यानी एक टेलीकॉम कंपनी पर अधिकतम जुर्माना लगभग 1,100 करोड़ रुपये होगा.

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