बीरभूम: 26 वर्षीय ओरांग वर्ष 2015 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे. वह लेह लद्दाख में ड्यूटी कर रहे थे. आखिरी बार वह सितंबर 2019 में अपने घर बीरभूम आये थे. परिवार के लोगों ने बताया कि दो हफ्ते पहले फोन पर बातचीत हुई थी. परिवार के लोगों ने बताया कि राजेश कुछ दिनों में ही घर लौटनेवाले थे. राजेश ने बताया था कि इस बार गांव लौटने पर वे लोग घूमने के लिए सपरिवार निकलेंगे, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हुआ. परिजनों के साथ गांव के लोग राजेश के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं. घर में उनके पिता सुभाष ओरांग और माता ममता ओरांग का रो-रो कर बुरा हाल है. उनके पिता लंबे समय से बीमार चल रहे हैं. इस हालत में ही मंगलवार दोपहर अचानक एक फोन आया. बताया गया कि राजेश ओरांग भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प में घायल हो गये हैं.
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