इस बारे में महुआ ने लिखा, ”नीति के अनुरूप कोई ड्राफ्ट जमा नहीं किया गया है. लेकिन 9 नवंबर की बैठक में इसे ‘स्वीकार’ कर लिया जाएगा. वह दिन कांग्रेस सांसदों के नामांकन का दिन है. बैठक यह जानते हुए स्थगित कर दी गई कि वह (आचार समिति पैनल में शामिल कांग्रेस सांसद) उपस्थित नहीं हो सकेंगे. दूसरी ओर बीजेपी सहयोगी दलों को बुला रही है, ताकि वे मौजूद रहें और बहुमत के साथ मसौदा स्वीकार कर लिया जाए. बैठक यह जानते हुए स्थगित कर दी गई कि वह (आचार समिति पैनल में शामिल कांग्रेस सांसद) उपस्थित नहीं हो सकेंगे. दूसरी ओर, बीजेपी सहयोगी दलों को बुला रही है, ताकि वे मौजूद रहें और बहुमत के साथ मसौदा स्वीकार कर लिया जाए.
आचार समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर हैं. समिति में भाजपा सांसद विष्णुदत्त शर्मा शामिल हैं जो मध्य प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. महुआ ने उनकी ओर इशारा किया है. पिछले गुरुवार 2 नवंबर को बीजेपी सांसद विनोद सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने महुआ का भाषण सुना था. हालांकि महुआ सहित विपक्षी सांसद उस सुनवाई से बाहर चले गए. 15 सदस्यीय पैनल में विपक्षी सांसद शामिल थे. तृणमूल सांसद ने कहा कि उनसे ‘व्यक्तिगत और अनैतिक’ सवाल पूछे गए.
महुआ ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र भी लिखा जिसमें आरोप लगाया गया कि सवालों के माध्यम से उन्हें मौखिक रूप से ‘नंगा’ किया गया है. हालांकि बीजेपी ने इस आरोप से इनकार किया है. सोनकर ने आरोप लगाया कि महुआ जांच में ‘असहयोग’ कर रही हैं. बीजेपी सांसद अपराजिता शारंगी ने कहा कि महुआ ने शिष्टाचार के सभी मानकों को पार कर लिया है.