कोलकाता : फिर प्रचंड बहुमत के साथ पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की ही सरकार बनेगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को विधानसभा में बजट भाषण पर चर्चा के दौरान ये बातें कहीं. उन्होंने पीएम किसान के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर भी जमकर हमला बोला.
ममता बनर्जी ने पूरे विश्वास के साथ विधानसभा में कहा, ‘विधानसभा चुनाव 2021 में तृणमूल कांग्रेस ही पूरे बहुमत के साथ सत्ता में आयेगी.’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पोर्टल पर 22 लाख किसानों के नाम दर्ज हैं. उनमें से 6 लाख के नाम केंद्र ने राज्य सरकार को भेजे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 6 लाख में से 2.5 लाख लोगों के नाम राज्य सरकार ने वेरिफिकेशन के बाद राज्य ने भेज दिया है. इसके साथ ही ममता ने दावा किया कि जिन लोगों का वेरिफिकेशन हो गया है, केंद्र उन लोगों को पैसा देना शुरू करे.
ममता बनर्जी ने इससे आगे बढ़कर केंद्र सरकार से मांग की कि पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ खेतों में मजदूरी करने वाले लोगों के साथ-साथ बंटाई पर खेती करने वालों को भी दे. अर्थात पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ खेत मजदूर और बंटाईदारों को भी मिलना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि 72,200 करोड़ रुपये का निवेश राज्य में हो रहा है. इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. शुक्रवार को बजट अधिवेशन की शुरुआत हुई थी और ममता बनर्जी ने खुद बजट पेश किया था. इस दौरान उन्होंने नयी परियोजनाओं की घोषणा की झरी लगा दी थी.
Also Read: छात्र समाज की एनर्जी, ममता बनर्जी… के नारे के साथ भाजपा के खिलाफ सड़कों पर उतरा तृणमूल छात्र परिषद
अंतरिम बजट में ममता ने किये 148 वादे
ममता बनर्जी ने 94 पेज के बंगाल बजट 2021 में 148 वादे किये. डेढ़ करोड़ युवकों को नौकरी देने, भारी संख्या में कल-कारखाने खोलने की भी घोषणा की गयी. यदि ममता के वादे पूरे हो जाते हैं, तो हर जिले में तीन-चार कारखाने खुलेंगे. सड़क और फ्लाईओवर बनेंगे.
ममता ने किया मुफ्त राशन, पेंशन और टैब का वादा
ममता बनर्जी ने 46 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़क का निर्माण करने के साथ-साथ 18-20 फ्लाईओवर बनाने की बात कही है. पाईकपाड़ा से सियालदह तक एस्केलेटर बनेंगे. 12वीं कक्षा में जाते ही बच्चों को टैब फ्री मिलेगा. मुफ्त में राशन दिया जायेगा. 60 वर्ष की उम्र पार करते ही बुजुर्गों को पेंशन दी जायेगी.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि विधानसभा के किसी भी सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होती है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. स्पीकर ने दलील दी कि चूंकि नवंबर में विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित नहीं किया गया था, इसलिए राज्यपाल के अभिभाषण की जरूरत नहीं थी. वर्ष 1956 में ऐसा हो चुका है.
Posted By : Mithilesh Jha
चाईबासा के लिए रवाना हुए राहुल गांधी, आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में आज होगा बड़ा फैसला
Shibu Soren Funeral PHOTOS: पिता को अंतिम विदाई देते हुए फफक पड़े सीएम हेमंत सोरेन, देखिए रुला देने वाली वो 10 तस्वीरें
शिक्षा मंत्री की हालत नाजुक, विश्व आदिवासी दिवस पर होने वाला कार्यक्रम स्थगित
शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि देने उमड़ा जनसैलाब, नेमरा से बरलंगा तक 10 किमी से लंबा जाम, VIP भी फंसे