कांस्य जीत भारतीय हॉकी टीम ने बनाया ऐसा रिकॉर्ड जहां दुनिया की कोई टीम अब तक नहीं पहुंच सकी
भारत ने 41 साल बाद ओलंपिक में हॉकी (India Wins Bronze Medal) का मेडल जीता है. इसके साथ ही ओलंपिक हॉकी में भारत के मेडल की संख्या 12 हो गई है. इनमें 8 गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.
By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2021 8:44 AM
भारतीय हॉकी टीम गुरुवार को 135 करोड़ देशवासियों की उम्मीदों पर खरी उतरी. 41 सालों से ओलिंपिक पदक से चली आ रही दूरी खत्म की और देश को खुशी से झूमने का ऐतिहासिक मौका दिया. भारत ने जर्मनी को 5-4 से हरा कर कांस्य पदक जीता. 1928 से 1956 तक भारतीय हॉकी का स्वर्णिम युग रहा था. अंतिम बार 1980 के मॉस्को ओलिंपिक में टीम ने स्वर्ण पदक जीता. उसके बाद से पदक जीतने का इंतजार था. क्रांति के माह के रूप में भारतीय इतिहास में दर्ज इस अगस्त माह में मनप्रीत की अगुआई में टीम ने पदक जीता और आजादी के 75वें प्रवेश-वर्ष के जश्न को खास बना दिया.
सिमरनजीत सिंह के दो गोल की बदौलत भारत ने दो बार पिछड़ने के बाद जोरदार वापसी करते हुए गुरुवार को यहां रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे कांस्य पदक के प्ले ऑफ मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हरा कर ओलिंपिक में 41 साल बाद कांस्य पदक जीता. भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी, लेकिन दबाव से उबरकर आठ मिनट में चार गोल दागकर जीत दर्ज करने में सफल रही. इस जीत के साथ ही भारत ने ओलंपिक में पदक जीतने का रिकॉर्ड बना लिया है.
भारत ने वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में 1980 के मॉस्को ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. इसके साथ ही ओलंपिक हॉकी में भारत के मेडल की संख्या 12 हो गई है. इनमें 8 गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. ऐसा करने वाली भारत दुनिया की इकलौती हॉकी टीम है. भारत ने 1928 से 1956 के बीच लगातार छह बार ओलंपिक हॉकी का गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. इस दौर को भारतीय हॉकी का स्वर्णिम युग भी कहा जाता है.