Betla National Park में पर्यटक अब नहीं होंगे मायूस, जल्द देख सकेंगे बाघ, टाइगर सफारी की भी होगी शुरुआत

बेतला नेशनल पार्क से पर्यटक अब मायूस नहीं लौटेंगे. पार्क में जल्द ही बाघ देखने को मिलेंगे. साथ ही टाइगर सफारी की भी शुरुआत होगी. इसको लेकर नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को प्रस्ताव भेजा गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2022 10:11 AM
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Jharkhand News: लातेहार और पलामू में अवस्थित बेतला नेशनल पार्क (Betla National Park) आने वाले पर्यटकों को अब बाघ देखने की गारंटी होगी. PTR प्रबंधन द्वारा इस साल के अंत तक टाइगर सफारी की शुरुआत कर दी जाएगी. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. पीटीआर द्वारा इस बाबत नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (National Tiger Conservation Authority- NTCA) को प्रस्ताव भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति जल्द मिलने की संभावना है. इसो लेकर पीटीआर के बेहतरी के लिए चयनित विशेषज्ञों की टीम बेतला के दौरा पर हैं.

एक बाघ और दो बाघिन को जगंल में छोड़ा जाएगा

जानकारी देते हुए पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष ने बताया कि टाइगर सफारी के एक बाघ और दो बाघिन को बेतला नेशनल पार्क के 50 हेक्टेयर के घेराबंद जंगल में छोड़ा जाएगा. इस घेराबंदी के अंदर उन बाघों के लिए उपयुक्त वातावरण के अन्य जंगली जीवों को बाघों के शिकार के लिए छोड़ा जाएगा. इस कारण निश्चित रूप से बाघ दिखेंगे.

पर्यटकों को दिखेंगे बाघ

उन्होंने कहा कि आनेवाले टूरिस्ट बाघ को देखना चाहते हैं, लेकिन पीटीआर के खुला जंगल होने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाता है. जिसके कारण उन्हें निराश लौटना पड़ता है. इसलिए प्रबंधन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि पर्यटकों को निश्चित रूप से बाघ दिखे. इसके लिए कोई ऐसी व्यवस्था की जाए.

पर्यटकों के आने से सरकार के राजस्व में होगी बढ़ोतरी

श्री आशीष ने कहा कि टाइगर सफारी से न केवल आनेवाले पर्यटकों को बाघ देखने को मिलेंगे, बल्कि इससे सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी. बताया कि हाल ही में एडवाइजरी कमेटी के प्रदीप कुमार, शैलेश प्रसाद और डॉ के रमेश पीटीआर के बेहतरी के लिए पहुंचे हैं. उन्हें भी सभी स्थितियों से अवगत करा दिया गया है. सरकार के पास इसी वर्ष इस प्रस्ताव की स्वीकृति मिलने की संभावना है.

टाइगर सफारी के लिए भेजा गया प्रस्ताव

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पलामू टाइगर रिजर्व में भी बाघ छोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसके लिए साइंटिफिक स्टडी जारी है, लेकिन इसे पूरा होने में दो वर्ष लग सकता है. तब तक पर्यटकों को बाघों के दीदार के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इसलिए टाइगर सफारी का प्रस्ताव उपयुक्त मानते हुए इसे स्वीकृति के लिए भेजा गया है. पूरे भारत के टाइगर रिजर्व द्वारा भी इस तरह का प्रस्ताव भेजा गया है, ताकि लोगों को बाघ निश्चित रूप से दिखे.

विभिन्न इलाकों में रखे जाएंगे घेरा बंद जंगल में हिरण

जिन इलाकों में हिरण नहीं है वहां इनकी संख्या बढ़े इस दिशा के प्रयास पीटीआर शुरू कर दिया है. डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि टेनो और लुकइया में 50 हेक्टेयर के घेरा बंद जंगल में 50 से 100 हिरण को छोड़ा जाएगा. उन्हें कुछ समय तक इसी घेरा बंद में रखा जाएगा. जब उनकी संख्या हजारों में पहुंच जाएगी. तब उन्हें खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा. इसके लिए भी प्रस्ताव भेज दिया गया है. वहीं, एडवाइजरी टीम ने भी इसकी जानकारी ली है.

रिपोर्ट : संतोष कुमार, बेतला, लातेहार.

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