कोलकाता लेन में लंबी दूरी की बसों के जाम में फंसने से बच्चे भूख से तड़पते दिखे. स्थिति ऐसी थी कि चारपहिया वाहनों में बैठे छोटे-छोटे बच्चे दूध के लिए बिलबिला रहे थे. एंबुलेंस में मरीज घंटों जाम में फंसे रहे. दो किलोमीटर की दूरी तय करने में एक वाहन को दो घंटे से भी अधिक का वक्त लग रहा था. इस दौरान लोगों को प्रशासन को कोसते देखा गया. बताया जाता है कि एनएच का कार्य सुबह आठ बजे शुरू हुआ और इसी के साथ जाम भी लगना शुरू हो गया. डायवर्सन के चलते एक ही लेन में दोनों तरफ की गाड़ियां घुसने से अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गयी.
अक्सर क्यों बन रही जाम की स्थिति
निरसा से सिक्सलेनिंग का कार्य फिर शुरू हुआ है. सिनेमा हॉल मोड़ से लेकर हाथबाड़ी बीएसएनएल कार्यालय तक दिल्ली लेन बंद कर कोलकाता लेन को वनवे किया गया है. वनवे होने से वाहनों का आना-जाना एक ही लेन में करना पड़ रहा है. निरसा बाजार इसी के बीच आता है. इतना ही नहीं, सर्विस रोड को पूरी तरह अतिक्रमित कर दुकान-ठेला आदि लगा दिया जाता है. आधा बाजार सर्विस रोड पर ही लगा हुआ है. इस कारण सर्विस रोड में कोई वाहन नहीं चल पाता है. फलस्वरूप लगातार जाम लग रहा है. इतना ही नहीं, दोनों लेन को भाग करने के लिए बीच में जो दीवार सीमेंट की उठायी जा रही है, उसका भी काम साथ ही साथ चल रहा है. इस कारण वाहन या पैदल चलने वाले एक लेन पर ही निर्भर रह रहे हैं.
क्या है मुक्ति का उपाय
एनएच सिक्सलेन का काम रात में कराया जाये. मिडिल वाल निर्माण का कार्य एक साथ न हो. सिक्सलेन निर्माण तक बीच में एकाध कट खोल दिया जाये. सर्विस रोड से अतिक्रमण हटाया जाये. स्थायी रूप से ट्रैफिक पुलिस की हो व्यवस्था.