WB: महुआ मोइत्रा के निष्कासन पर तृणमूल का फूटा गुस्सा, ममता ने कहा: उनके साथ खड़ी है पार्टी, बीजेपी ने की गलती

महुआ को अपना बचाव करने का मौका दिए बिना ही निष्कासित कर दिया गया, उससे साफ है कि बीजेपी राजनीतिक तौर पर नहीं लड़ सकती. हमारी पार्टी महुआ से साथ है हमारी पार्टी I-N-D-I-A गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी.

By Shinki Singh | December 8, 2023 4:39 PM
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पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा के लोकसभा से निष्कासन को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा कि पार्टी उनके साथ खड़ी है. महुआ मोइत्रा को अपना पक्ष रखने की अनुमति नहीं दी गई, यह अस्वीकार्य है. भारतीय संसदीय लोकतंत्र के लिए दुखद दिन है. सुप्रीमो ममता बनर्जी का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ”जिस तरह से महुआ को अपना बचाव करने का मौका दिए बिना ही निष्कासित कर दिया गया, उससे साफ है कि बीजेपी राजनीतिक तौर पर नहीं लड़ सकती. इसलिए बदले की राजनीति का सहारा लिया. मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं. हमारी पार्टी महुआ से साथ है हमारी पार्टी I-N-D-I-A गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी.यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. बनर्जी ने कहा, मोइत्रा बड़े जनादेश के साथ संसद में लौटेंगी. भाजपा सोचती है कि पार्टी जो चाहे कर सकती है, क्योंकि उनके पास प्रचंड बहुमत है. उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि एक दिन ऐसा भी आ सकता है, जब वे सत्ता में नहीं रहेंगे.

लोकसभा सदस्य के रूप में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन पर पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री डॉ. शशि पांजा ने कहा, एक महिला का सत्ता में होना ऐसी चीज है जिसे भाजपा बर्दाश्त नहीं कर सकती. उन्होंने कैसे सोचा कि यह निष्कासन उन्हें(महुआ मोइत्रा) चुप कराने के लिए काफी है? वे 2024 में फिर चुनाव लड़ेंगी.

सदन में आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा अध्यक्ष से कई बार आग्रह किया कि मोइत्रा को उनका पक्ष रखने का मौका दिया जाए, लेकिन बिरला ने पुरानी संसदीय परिपाटी का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया.कल्याण बनर्जी ने कहा, निष्पक्ष सुनवाई तब होती है जब प्रभावित व्यक्ति को सुना जाता है अगर उसे सुना नहीं जाएगा तो कोई निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी.

लोकसभा सदस्य के रूप में अपने निष्कासन पर महुआ मोइत्रा ने कहा, “अगर इस मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे को खत्म कर देंगे, मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है, वह दर्शाता है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है, और आप एक महिला सांसद को समर्पण करने से रोकने के लिए उसे किस हद तक परेशान करेंगे.”

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