कितने तरह का होता है Deepfake? कैसे कर सकते हैं इसकी पहचान? यहां जानें

Types of Deepfake: भारत में डीपफेक के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इन्हीं मामलों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार एक्शन मोड में आ चुकी है. आज हम आपको बताने वाले हैं कि ये Deepfake कितने तरह के होते हैं और इनकी पहचान कैसे की जा सकती है. तो चलिए जानते हैं.

By Saurabh Poddar | November 26, 2023 6:09 PM
an image

Types of Deepfakes: भारत में डेपफेक के मामले बीते कुछ दिनों के दौरान काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. बीते कुछ दिनों के दौरान कई बड़े सेलिब्रिटीज के डीपफेक्स वायरल हुए हैं. कुछ लोग AI का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं. केवल यहीं नहीं, वे सोशल मीडिया पर किसी भी कंटेंट को अपने हिसाब से फेर-बदल कर अपलोड कर रहे हैं. आप सभी को शायद याद हो कि कुछ ही दिनों पहले एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ था जिसे बाद में नकली घोषित किया गया. आज हम आपको बताने वाले हैं कि ये डीपफेक कितने तरीके के होते हैं और इनकी पहचान कैसे की जा सकती है. तो चलिए जानते हैं.

एक्शन मोड में भारत सरकार: डीपफेक को लेकर केंद्र सरकार एक्शन मोड में आ चुकी है. इसके लिए सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को इससे निपटने के लिए 7 दिनों का समय भी दिया है. आगे बताते हुए सरकार ने कहा कि, वे एक वेबसाइट और ऑफिसर भी अप्पॉइंट करेंगे जो कि डीपफेक से जुड़े मामलों पर नजर रखेगा. तो चलिए जानते हैं डीपफेक कितने तरह का होता है.

फेस-स्वैपिंग: यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है. इसमें किसी के चेहरे पर किसी और का चेहरा लगा दिया जाता है और गलत तरह से इसे पेश किया जाता है. फ्रॉड को अंजाम देने के लिए इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है. बता दें फेस के साथ ही ये फ्रॉड्स आवाज को भी बदल सकते हैं. ये आवाज सुनने में मिलकुल ही असली लगती है और इसकी वजह से कोई भी धोखा खा सकता है.

ऑब्जेक्ट को किया जाता है मेनिप्यूलेट: आपकी जानकारी के लिए बता दें डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर केवल फेस और बॉडी को ही नहीं, बल्कि किसी भी ऑब्जेक्ट को रिप्लेस किया जा सकता है. अगर आप किसी वीडियो में ऑब्जेक्ट को बदल दें तो उसका मतलब ही बदलकर रह जाता है. सोचिये कि अपने हाथ में एक लकड़ी का टुकड़ा पकड़ कर रखा हो और कोई उसे चाकू इ रिप्लेस कर दे.

फेक वेबसाइट्स: आपकी जानकारी के लिए बता दें आज के समय में AI का इस्तेमाल कर फेक वेबसाइट्स भी बनाई जाती है. इन वेबसाइट्स को बनाने के पीछे ठगों का मकसद आपकी पर्सनल जानकारी चुराना होता है.

कैसे करें डीपफेक वीडियोज की पहचान: अगर आप पता लगाना चाहते हैं कि आखिर कोई भी वीडियो असली है या फिर नहीं तो उस वीडियो को देखकर भी पता लगा सकते हैं. आपको वीडियो में चल रही सभी चीजों को बार-बार ध्यान से देखना चाहिए. ध्यान से देखने पर आपको उस वीडियो के बारे में काफी कुछ पता चल सकता है. आप अगर चाहें तो वीडियो किसके द्वारा बनाया गया है इसकी जानकारी भी पा सकते हैं.

गूगल रिवर्स इमेज सर्च का करें इस्तेमाल: आप अगर चाहें तो डीपफेक का पता लगाने के लिए गूगल रिवर्स इमेज सर्च का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल करने के लिए आप वीडियो से स्क्रीनशॉट लेकर वीडियो के बारे में जान सकते हैं. केवल यहीं नहीं, आप कुछ AI टूल्स का इस्तेमाल कर असली या नकली वीडियो के बारे में जानकारी निकाल सकते हैं.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version