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Ujjwal Nikam Rajya Sabha : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा में चार व्यक्तियों को सांसद के रूप में मनोनीत किया है. इनके नाम है पूर्व राजनयिक हर्ष श्रृंगला, वरिष्ठ अधिवक्ता उज्ज्वल निकम, इतिहासकार मीनाक्षी जैन और केरल के शिक्षक सी सदानंद मास्टर. इस संबंध में शनिवार 12 जुलाई को अधिसूचना जारी की गई है. ये चारों नाम अपने-अपने क्षेत्र के दिग्गज हैं और अब राज्यसभा में अपना योगदान देंगे. इन चारों नाम में एक नाम पर सबकी नजर टिकी है और वह है उज्ज्वल निकम.
कसाब को फांसी की सजा तक पहुंचाने वाले हैं उज्ज्वल निकम
उज्ज्ल निकम अपने पेशे में श्रेष्ठ हैं. उन्होंने एक वकील के रूप में अपने करियर में एक से एक हाई प्रोफाइल केस लड़े और दोषी को सजा दिलवाई है. ऐसे तो उनके सभी केस खास हैं, लेकिन कुछ केस ऐसे हैं, जिन्हें भूल पाना संभव नहीं है. 26/11 मुंबई आतंकी हमले के एकमात्र जीवित दोषी कसाब को उन्होंने फांसी तक पहुंचाया. इस केस में वे मुख्य सरकारी वकील थे. प्रमोद महाजन की हत्या मामले में उनके छोटे भाई प्रवीण महाजन को आजीवन कारावास की सजा भी उज्ज्वल निकम ने ही दिलवाई, क्योंकि वही केस की पैरवी कर रहे थे. हालांकि उज्ज्वल निकम ने प्रवीण महाजन के लिए फांसी की सजा मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने आ जीवन कारावास की सजा सुनाई. 2013 के शक्ति मिल्स रेप केस, 20
16 के कोपर्डी रेप केस में भी उज्ज्वल निकम ने दोषियों के खिलाफ केस लड़ा और उन्हें सजा दिलाई. गुलशन कुमार का केस भी उन्होंने ही लड़ा था.
उज्ज्वल निकम का बायोडाटा देखिए
उज्ज्वल निकम का जन्म 30 मार्च 1953 को महाराष्ट्र के जलगांव में हुआ है. इनके पिता देवरावजी निकम अधिकवक्ता और जज थे. मां एक गृहिणी थी. उज्ज्वल निकम की प्रारंभिक शिक्षा जलगांव से ही हुई है. उन्होंने विज्ञान से स्नातक की डिग्री ली है, उसके बाद उन्होंने जलगांव के ही केसीई सोसाइटी के एसएस मनियार लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की. उज्ज्वल निकम ने अपने करियर की शुरुआत जिला अभियोजक के रूप में जलगांव से की है. उन्होंने अपने करियर में 628 लोगों को आजीवन कारावास और 37 को फांसी की सजा दिलवाई है. उन्हें 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. देश के वरिष्ठ वकीलों में उनकी गणना की जाती है. 2024 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर मुंबई मुंबई नॉर्थ सेंट्रल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे.
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