बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली में बुधवार को हज़रत शाह मुहम्मद सकलैन मियां के 40 वें (उर्स ए चेहलुम) को शान ओ शौकत के साथ मनाया गया.सुबह फज्र नमाज़ के बाद कुरान ख्वानी से उर्स का आगाज हुआ.इसके बाद 9 बजे खानकाह में फातिहा हुई.देश भर से आए उलमा ने अकीदतमंदों को बच्चों को दीनी, और दुनियावी तालीम का पैगाम (संदेश) दिया.बोले, अपने शौक कम कर दें, लेकिन बच्चों को तालीम जरूर दिलाएं.तालीम से ही तरक्की हासिल की जा सकती है.इंसान को तालीम जिन्दगी जीने का तरीका सिखाती है. उलमा में पीरो मुरशिद शाह सकलैन मियां के ताल्लुक़ से अपने-अपने जज़्बात ओ ख्यालात का इज़हार किया.मौलाना डॉ.महमूद उल हसन ने पीरो मुरशिद शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर की नूरानी,और पाकीज़ा हयात पर रौशनी डाली.बोले,मौजूदा वक्त में मियां हुज़ूर जैसी शख्सियत पूरी दुनिया में कहीं नहीं थी.बड़े पाए के साहिबे कश्फो करामात बुज़ुर्ग थे,आपकी ज़ाते पाक से बेशुमार मखलुके खुदा को फैज़ान हासिल हुआ.मौलाना इनाम सकलैनी ने कहा कि मियां हुज़ूर की मुकम्मल ज़िंदगी करामत ही करामत थीं.हमारे हरिद्वार के जंगलात में बसने वाले लाखों गुजर (समुदाय) लोग मियां हुज़ूर के मुरीद हैं, और हम तमाम गूजरों पर हमारे पीरो मुरशिद मियां हुज़ूर का बहुत करम और फैज़ान है.
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