पिछली बार 2017 निकाय चुनाव में बसपा ने मेरठ और अलीगढ़ मेयर सीट पर कब्जा किया था. मगर सपा को एक भी सीट नहीं मिली थी, जबकि बची सभी सीट सपा ने जीती थीं. बसपा प्रमुख गांव-गांव चल रहे अभियान की भी समीक्षा करेंगी. पार्टी के अन्य अभियान और कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा होनी है.
विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा का वोट हुआ कम
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा का वोट काफी कम हुआ है. जिसके चलते सिर्फ एक ही विधायक जीत पाया था. अब बसपा निकाय के साथ लोकसभा में वोट बढ़ाने की कोशिश में जुटी है. जिससे पार्टी के खत्म होने वाले राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे को बचाया जा सके.
आधा दर्जन निगम में मुस्लिम कैंडिडेट उतारने की तैयारी
बसपा दलित, मुस्लिम समीकरण बनाने की कोशिश में जुटी है. जिससे मेयर की सीट पर कब्जा किया जा सके. इस समीकरण से बसपा ने दो नगर निगम में जीत दर्ज की थी. मगर, इस बार 6 नगर निगम में मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट देने की कोशिश चल रही है.
मुख्तार अहमद की पत्नी पर फैसला जल्द
बसपा प्रमुख मायावती माफिया मुख्तार अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन का टिकट कटने की कोशिश में है.उनको पहले प्रयागराज मेयर सीट का उम्मीदवार बनाया गया था.मगर, भाजपा लगातार बसपा को घेर रही है.इसको लेकर बसपा शाइस्ता परवीन को बाहर करने की कोशिश में है.
Also Read: बरेली जेल से अशरफ अहमद भारी सुरक्षा के बीच प्रयागराज रवाना, पत्नी-बहन को हत्या का डर, सीबीआई जांच की मांग
शाइस्ता परवीन फरार
पुलिस ने शाइस्ता परवीन को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में नामजद आरोपी बनाया है, और वह तभी से फरार हैं. हालांकि, बसपा में उमेश पाल कांड के दो महीने पहले ही शाइस्ता बसपा में शामिल हुईं थी, और पार्टी ने शाइस्ता को प्रयागराज से मेयर के लिए दावेदार घोषित किया था, लेकिन उमेश पाल हत्याकांड में शाइस्ता के नाम आने के बाद बसपा पर सवाल खड़े होने लगे. मामला बढ़ा तो मायावती को खुद इस मामले पर सफाई तक देनी पड़ी थी. उस वक्त बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट कर कहा था कि अगर शाइस्ता दोषी साबित होती हैं, तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद बरेली