Varanasi News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) द्वारा संचालित सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल और बॉयज स्कूल (सीएचएस) में लॉटरी से दाखिले के फैसले का विरोध अब तीव्र गति पकड़ चुका है. कई दिनों से एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है, मगर अब इस प्रदर्शन ने भूख हड़ताल का रुख ले लिया है.
दरअसल, धरना, प्रदर्शन, बुद्धि-शुद्धि यज्ञ के बाद शनिवार को एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) के कार्यकर्ताओं ने बीएचयू सेंट्रल ऑफिस पर भूख हड़ताल शुरू कर दिया. इसके माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन से प्रवेश परीक्षा कराने की मांग की. साथ ही यह भी चेतावनी दी कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर विचार नहीं किया तो वे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे.
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सेंट्रल ऑफिस के बाहर धरनारत छात्रों ने कहा कि कई दिनों से चल रहे ज्ञापन, घेराव और मौन प्रदर्शन का बीएचयू प्रशासन पर कोई असर नहीं हुआ. इसलिए छात्रों के हित में भूख हड़ताल की शुरुआत की गई है. हम लोग यही चाहते हैं कि लंबे समय से प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होते आ रहे एडमिशन को अब वापस इसी पद्धति से शुरू किया जाए, ताकि परीक्षा की तैयारी करने वाले ग्रामीण शहरी सभी बच्चों को एक समान प्रवेश का अवसर मिले.
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उन्होंने कहा कि दो साल से कोरोना संक्रमण की वजह से लॉटरी, मेरिट आधारित व्यवस्था लागू की गई थी, मगर अब संक्रमण कम हो गया है तो बीएचयू प्रशासन द्वारा लॉटरी से दाखिले का निर्णय लिया गया है, जो कि गलत है. परिषद के साथ ही छात्रों, अभिभावकों के साथ ही परिषद की ओर से कई बार मांग की जा चुकी है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन मौन बना है.
रिपोर्ट – विपिन सिंह